इंदौर. प्रदेश की पहली स्मार्ट सिटी इंदौर से 35 किमी दूर पीथमपुर में बनेगी। एबी रोड स्थित सेज की इस अनुपयोगी जमीन पर करीब 10 हजार लोगों की बसाहट होगी। उद्योग विभाग ने इसका प्रोजेक्ट तैयार कर लिया है। मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स ने एकेवीएन इंदौर को इसके लिए सेज की 303 हेक्टेयर जमीन डिनोटिफाइड कराने की मंजूरी भी दे दी है। इसमें से 137 हेक्टेयर जमीन पर यह सिटी विकसित होगी। उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव मोहम्मद सुलेमान के निर्देशन में एकेवीएन ने फिजिबिलिटी रिपोर्ट बना ली है।
ट्राइफेक को इस संबंध में सभी दस्तावेज और प्रोजेक्ट रिपोर्ट मिल गई है। प्रोजेक्ट को जल्द मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली पीपीपी कमेटी में रखा जाएगा। वहां से मंजूरी मिलने के बाद इसे कैबिनेट में रखा जाएगा। प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत 235 करोड़ रु. है।
व्यावसायिक व आवासीय सुविधा, मॉल्स भी
सिटी में आवासीय क्षेत्र के साथ कॉर्पोरेट ऑफिस, मॉल्स, मल्टीप्लेक्स रहेंगे। 85.24 हेक्टेयर जमीन आवासीय, व्यावसायिक और सामाजिक गतिविधियों के लिए आरक्षित होगी। 27.50 हेक्टेयर ग्रीन बेल्ट और करीब 24.60 हेक्टेयर रोड, ट्रीटमेंट प्लांट व अन्य के लिए होगी।
साल साल लगेंगे विकसित होने में
सिटी सात साल में पूरी तरह विकसित हो जाएगी। प्रोजेक्ट रिपोर्ट में हर साल किए जाने वाले कामों को तय किया है। यह डिजाइन-बिल्ट-फाइनेंस-ऑपरेट व ट्रांसफर पॉलिसी के तहत बनेगी। नोडल एजेंसी एकेवीएन इंदौर रहेगा, जो जमीन उपलब्ध कराएगा। निजी कंस्ट्रक्शन कंपनी इसे विकसित करेगी।
500 रु. प्रति वर्गफीट हो सकता है दाम
प्रारंभिक प्रस्ताव में स्मार्ट सिटी में आवासीय प्लॉट का भाव 500 रुपए प्रति वर्गफीट का अनुमान लगाया गया है।
पीथमपुर इसलिए उपयुक्त
>प्रोजेक्ट में बताया गया कि अगले 10 साल में पीथमपुर में करीब 20 हजार करोड़ का निवेश होगा।
>एक लाख से ज्यादा रोजगार।
>यह इंदौर, महू, राऊ, देवास जैसे औद्योगिक क्षेत्रों के पास है।
>यह क्षेत्र हर तरह से परिवहन से जुड़ा है।ये सुविधाएं होंगी स्मार्ट सिटी में : परिवहन- नॉन मोटराइज्ड व्हीकल (जैसे साइकल) रहेंगे। रोड 12-30 मीटर चौड़ी होगी। सिटी में जाने-आने के लिए लोकल ट्रांसपोर्ट वाहन 24 घंटे चलेंगे।
>एक लाख से ज्यादा रोजगार।
>यह इंदौर, महू, राऊ, देवास जैसे औद्योगिक क्षेत्रों के पास है।
>यह क्षेत्र हर तरह से परिवहन से जुड़ा है।ये सुविधाएं होंगी स्मार्ट सिटी में : परिवहन- नॉन मोटराइज्ड व्हीकल (जैसे साइकल) रहेंगे। रोड 12-30 मीटर चौड़ी होगी। सिटी में जाने-आने के लिए लोकल ट्रांसपोर्ट वाहन 24 घंटे चलेंगे।
संचार- डिजिटल ब्रॉडबैंड, ऑप्टिक फाइबर नेटवर्क।
इन्फ्रास्ट्रक्चर- 24 घंटे पानी। सीवरेज प्लांट और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट होगा। एक हेलिपेड भी होगा।
ग्रीन कैंपस- कुल एरिया का 20% ग्रीन बेल्ट। कचरे और गंदे पानी की रिसाइकलिंग होगी। रिसाइकिल पानी को पौधों में दिया जाएगा। रेन वाटर हॉर्वेस्टिंग होगी। सोलर एनर्जी का सिस्टम भी।
सुरक्षा- कैंपस में सीसीटीवी कैमरे लगेंगे। सेंट्रल मॉनिटरिंग होगी। अंदर पुलिस चौकी। चार सुरक्षा दरवाजे होंगे। दस किमी की चारदीवारी होगी।
बिजली- 33 केवी का सब स्टेशन लगेगा। 24 घंटे बिजली और 400 हाईमास्ट रहेंगे।
सरकारी दफ्तर- पोस्ट ऑफिस व अन्य दफ्तर।
शिक्षा-स्वास्थ्य- स्कूल, कॉलेज, अस्पताल भी होगा।
इन्फ्रास्ट्रक्चर- 24 घंटे पानी। सीवरेज प्लांट और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट होगा। एक हेलिपेड भी होगा।
ग्रीन कैंपस- कुल एरिया का 20% ग्रीन बेल्ट। कचरे और गंदे पानी की रिसाइकलिंग होगी। रिसाइकिल पानी को पौधों में दिया जाएगा। रेन वाटर हॉर्वेस्टिंग होगी। सोलर एनर्जी का सिस्टम भी।
सुरक्षा- कैंपस में सीसीटीवी कैमरे लगेंगे। सेंट्रल मॉनिटरिंग होगी। अंदर पुलिस चौकी। चार सुरक्षा दरवाजे होंगे। दस किमी की चारदीवारी होगी।
बिजली- 33 केवी का सब स्टेशन लगेगा। 24 घंटे बिजली और 400 हाईमास्ट रहेंगे।
सरकारी दफ्तर- पोस्ट ऑफिस व अन्य दफ्तर।
शिक्षा-स्वास्थ्य- स्कूल, कॉलेज, अस्पताल भी होगा।
24 घंटे पानी, ट्रांसपोर्ट; कचरे और गंदे पानी की होगी रिसाइकलिंग
>10 हजार लोग बसेंगे सेज की 137 हेक्टेयर जमीन पर
>237 करोड़ रुपए होगी सिटी की अनुमानित लागत
पीथमपुर में स्मार्ट सिटी का प्रस्ताव प्रदेश का पहला विस्तृत प्रस्ताव है, जो इस स्तर तक पहुंचा है। अब शासन स्तर पर फैसला होगा। – मोहम्मद सुलेमान, प्रमुख सचिव उद्योग