मंडी में अनाज चोरी एवं किसानों के साथ भेदभाव भरे रवैये से नाराज किसानों ने शुक्रवार सुबह नीलामी का बहिष्कार कर दिया। किसान मौके पर पहुंचे तहसीलदार और मंडी प्रबंधन की समझाइश को नकारते हुए सीधे थाना परिसर पहुंचे। उन्होंने अनाज चोरी के दोषी व्यापारी तथा तुलावट के विरूद्ध एफआईआर की मांग पुलिस प्रशासन से की। अधिकारियों की मध्यस्थता के बाद दोपहर में मंडी में नीलामी प्रक्रिया शुरू हो सकी।
कृषि उपज मंडी में गुरुवार को अपनी उपज बेचने आए ग्राम भौरा के किसान अरविंद दांगी का अनाज चोरी की घटना को लेकर तुलावटों एवं हम्मालों से विवाद हो गया था। इस विवाद और बहस के बाद गुरुवार शाम को सिरोंज मंडी में बड़ी संख्या में पुलिस बल पहुंचा था। पुलिस की मौजूदगी में ही मंडी में तुलाई की प्रक्रिया शुरू हुई। शुक्रवार सुबह साढ़े दस बजे होने वाली पहली नीलामी के पहले मंडी में आए सभी किसान कृषक नेता सुरेन्द्र रघुवंशी के नेतृत्व में एकजुट हो गए तथा नीलामी का बहिष्कार कर दिया। किसानों का कहना था कि गुरुवार को हुए विवाद में पुलिस और मंडी प्रबंधन द्वारा व्यापारी, तुलावट और हम्माल पर तो कोई कार्रवाई नहीं की उल्टे किसानों पर लाठियां बरसा दी गई। जानकारी मिलने पर मंडी सचिव सुरेन्द्रसिंह रघुवंशी एवं उपाध्यक्ष इरफान गौरी मौके पर पहुंचे।
इस दौरान किसान गुरुवार को हुई अनाज चोरी की घटना के दोषी व्यापारी तथा तुलावट के विरूद्ध कार्रवाई की मांग कर रहे थे। मंडी उपाध्यक्ष ने किसानों की मांग को जायज बताते हुए दोषी लोगों पर कार्रवाई की बात कह दी लेकिन प्रबंधन स्पष्ट जवाब नहीं दे रहा था। इसी बीच नीलामी परिसर में पहुंचे तहसीलदार मनीष शर्मा ने भी किसानों को समझाने का प्रयास किया लेकिन किसान नहीं माने। सभी किसानों ने एकत्रित होकर किसान नेता सुरेन्द्र रघुवंशी के नेतृत्व में मंडी प्रबंधन के विरूद्ध जबरदस्त नारेबाजी करना शुरू कर दी।
लगातार हो रही अनाज चोरी
सिरोंज मंडी में तौल के दौरान किसानों के अनाज की चोरी लगातार हो रही है। किसान मंडी प्रबंधन के पास अपनी शिकायत लेकर पहुंचता है तो मंडी प्रबंधन का रवैया ढीला होने की वजह से अधिकांश मामलों में दोनों पक्षों में राजीनामे की स्थिति बन जाती है। अनाज चोरी की इन घटनाओं को लेकर अनेक किसान अपना माल आसपास की अन्य मंडियों में ले जाने लगे हैं। किसानों के अलावा दबी जुबान में मंडी के व्यापारी भी अनाज चोरी की घटनाओं को स्वीकार करते हंै लेकिन खुलकर अपनी बात नहीं रखते। इसका खामियाजा हर बार किसानों को उठाना पड़ता है।
अनाज चोरी करने वाले दोषी कर्मचारियों-हम्मालों पर कार्रवाई की मांग को लेकर शुक्रवार को किसानों ने नीलामी रोककर किया प्रदर्शन, बाद में अधिकारियों की समझाइश पर दोपहर बाद नीलामी शुरू हो सकी।