Sunday, November 9

व्यापमं घोटाला: राज्यपाल की गिरफ्तारी पर रोक

ram-naresh-yadev1_1429253भोपाल। फॉरेस्ट गार्ड भर्ती घोटाले में फंसे मध्य प्रदेश के राज्यपाल रामनरेश यादव को गिरफ्तारी से राहत मिल गई है। जबलपुर हाईकोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। हालांकि, राज्यपाल के खिलाफ एसआईटी की जांच जारी रहेगी। जानकारी के अनुसार, राज्यपाल के संवैधानिक पद की गरिमा के मद्देनजर जबलपुर हाईकोर्ट ने यह फैसला लिया गया है। कोर्ट ने यह भी कहा कि जरूरत पड़ने पर राज्यपाल से पूछताछ की जा सकती है, लेकिन सम्मानित तरीके से।

शुक्रवार को सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि राज्यपाल को गिरफ्तार न किया जाए और उनसे पूछताछ भी सम्मानजनक तरीके से की जाए। इसके पहले राज्यपाल के वकील ने कहा कि संवैधानिक पद पर रहते हुए उनके खिलाफ केस दर्ज नहीं किया जा सकता। हाईकोर्ट में राज्यपाल की ओर से उनके वकील राम जेठमलानी पैरवी करने पहुंचे थे।क्या है मामला?

रामनरेश यादव के खिलाफ एसटीएफ ने मध्य प्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) के तहत फॉरेस्ट गॉर्ड भर्ती घोटाले से जुड़े मामले में 24 फरवरी, 2015 को एफआईआर दर्ज की थी। उसके बाद 9 मार्च को राज्यपाल ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई। उनकी याचिका में भारतीय संविधान के अनुच्छेद 361 (2) का हवाला देकर कहा गया था कि राष्ट्रपति या राज्यपाल के पद पर आसीन व्यक्तियों के खिलाफ कार्यकाल पूरा होने से पहले किसी भी प्रकार का केस दर्ज नहीं किया जा सकता है। राज्यपाल की ओर से दलील दी गई कि डेढ़ साल से जेल में बंद आरोपी के कथित बयानों के आधार पर उनके खिलाफ राजनीतिक दबाव में यह एफआईआर की गई थी। 9 मार्च को होने वाली सुनवाई पहले 24 मार्च, उसके बाद 25 मार्च और बाद में 8 अप्रैल तक के लिए टाली गई थी। गौरतलब है कि 25 मार्च को ही राज्यपाल के बेटे शैलेश यादव की संदिग्ध हालत में लखनऊ के सरकारी आवास में मौत हो गई थी। इसके बाद से यादव लखनऊ में ही थे।