आइटी मंत्रालय ने रविवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच के बाद महादेव सट्टेबाजी ऐप के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। मंत्रालय ने महादेव बुक ऑनलाइन और रेड्डीअन्नाप्रिस्टोप्रो सहित 22 सट्टेबाजी ऐप्स व वेबसाइटों को ब्लॉक करने के आदेश दिए है।
ED की सिफारिश के बाद हुई कार्रवाई
ईडी की सिफारिश के बाद इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट की धारा 69 के तहत यह आदेश जारी किया गया। आइटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार के पास धारा 69 आइटी अधिनियम के तहत वेबसाइट/ऐप को बंद करने की सिफारिश करने का अधिकार है। मगर, उन्होंने ऐसा नहीं किया। ईडी की सिफारिश पर यह कार्रवाई की गई है। महादेव बुक के मालिकों को अगस्त में धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था।
CM बघेल पर पैसे लेने का आरोप
छत्तीसगढ़ में दो दिन पहले नगदी समेत पकड़े गए दो आरोपियों के बयान के आधार पर ईडी ने दावा किया था कि उन्होंने महादेव के प्रमोटर्स से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को कथित तौर पर 508 करोड़ रुपए देने की बात कही है। इस बयान की सच्चाई की जांच की जाएगी। इस पर बघेल ने आरोपों को नकारते हुए सवाल उठाया था कि उनकी मांग के बावजूद केंद्र सरकार ने महादेव ऐप पर बैन क्यों नहीं लगाया।
भूपेश बघेल ने कही ये बात
सीएम बघेल ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा, ‘आख़िरकार केंद्र सरकार को होश आया और उसने ‘महादेव ऐप’ पर बैन लगाने का फ़ैसला किया। मैं कई महीनों से सवाल पूछ रहा हूं कि सट्टा खिलाने वाले इस ऐप पर केंद्र सरकार बंद क्यों नहीं रही है। मैंने तो यहां तक कहा था कि शायद 28 प्रतिशत जीएसटी के लालच में प्रतिबंध नहीं लग रहा है या फिर भाजपा का ऐप संचालकों से लेन-देन हो गया है।
उन्होंने आगे कहा, ‘आश्चर्य है कि ईडी महीनों से इस मामले की जांच कर रही है और फिर भी ऐप का संचालन लगातार होता रहा। अब केंद्र सरकार को होश आ ही गया है तो अच्छा है कि इस ऐप के संचालकों को भी दुबई से यथाशीघ्र गिरफ़्तार कर भारत लाया जाए. छत्तीसगढ़ पुलिस ने ही सबसे पहले उनके ख़िलाफ़ लुक-आउट नोटिस जारी किया था। उन्हें छत्तीसगढ़ पुलिस भी रिमांड में लेकर पूछताछ करना चाहेगी क्योंकि यहां तो सबसे पहले उनके ख़िलाफ़ मामले दर्ज हुए हैं।
6000 करोड़ से अधिक का घोटाला
गौरतलब है कि महादेव ऐप के मामले में ईडी ने 197 पेज की चार्जशीट पेश की थी। इसमें 8800 पेजों के दस्तावेज पेश करते हुए दावा किया था कि यह 6000 करोड़ से अधिक का घोटाला हो सकता है।