केंद्र सरकार पहली बार राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति बनाने जा रही है। राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय (एनएससीएस) कई केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों के परामर्श से एक व्यापक राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति बना रहा है। इसके बाद इसके लिए कैबिनेट की मंजूरी मांगी जाएगी। अमरीका और ब्रिटेन जैसे देशों ने राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति प्रकाशित की हैं जिन्हें समय-समय पर अपडेट किया जाता है। इससे सेना और सुरक्षा से संबंधित समूहों को मदद मिलेगी।
आने वाली चुनौतियों और खतरों की जानकारी भेजी
राष्ट्रीय सुरक्षा नीति को दस्तावेज के रूप में सामने लाने का उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा उद्देश्यों और उन्हें प्राप्त करने के लिए अपनाए जाने वाले तरीकों को एक साथ रखना है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कई मंत्रालयों ने सुरक्षा में सामने आने वाली चुनौतियों और खतरों की पूरी जानकारी सचिवालय को भेजी है। इनमें गैर-पारंपरिक चुनौतियां जैसे वित्तीय और आर्थिक सुरक्षा, खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा के साथ-साथ सूचना युद्ध व सूचनातंत्र से संबंधित खतरे भी शामिल हैं।
पहले भी हुए ऐसे प्रयास
– सेना और सुरक्षा से जुड़े लोगों ने बार-बार एक व्यापक राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया है। इससे पहले तीन बार ऐसी रणनीति बनाने के प्रयास हो चुके हैं।
– पूर्व सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने कहा था कि थिएटराइजेशन प्रक्रिया को आगे बढ़ाने से पहले एक राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति तैयार करना आवश्यक है।
– पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन ने कहा था कि भारत को एक राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति की आवश्यकता है जो महत्त्वपूर्ण मुद्दों पर हमारी सोच को बता सके।