Sunday, November 9

भारतीय नौसेना ने अमेरिका, ब्रिटेन, पाकिस्तान समेत 26 देशों के लोगों को सुरक्षित निकाला

yemen-air-strike1_1428509सना/नई दिल्ली. भारतीय नौसेना ने ऑपरेशन ‘राहत’ के तहत युद्धग्रस्त यमन से अपने 4,000 नागरिकों के अलावा अमेरिका, ब्रिटेन और पाकिस्तान समेत 26 देशों के 232 लोगों को भी सुरक्षित बाहर निकाला है। भारतीय विदेश मंत्रालय प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने बुधवार ट्वीट कर उन देशों की लिस्ट जारी की है, जिनके नागरिकों को बचाया गया है। उधर, ईरान ने अदन की खाड़ी में अपने दो युद्धपोत को तैनात किया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सऊदी अरब के नेतृत्व में शिया हौउती विद्रोहियों के खिलाफ किए जा रहे हमले के मद्देनजर ईरान ने युद्धपोतों को तैनात कर अपनी सैन्य मौजूदगी दर्ज कराई है।

ईरान के रियर एडमिरल हबिबुल्लाह सैय्यारी ने कहा कि अलबोर्ज व बुशेहर सपोर्ट वेसल युद्धपोतों को ईरानी जहाजों की सुरक्षा के लिए यमन के तट पर तैनात किया गया है। बता दें कि ईरान ने सऊदी अरब के नेतृत्व में हो रहे हमले की निंदा की थी। इसके अलावा बातचीत से इसे हल करने के लिए कहा था। वहीं, सऊदी अरब ने ईरान पर हौउती विद्रोहियों को सैन्य समर्थन यमन के दक्षिण-पूर्वी शहर मुकल्ला से पाकिस्तान द्वारा रेस्क्यू किए गए सभी 11 भारतीय बुधवार शाम 5.00 बजे दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचे। इसके बाद प्रधानमंत्री ने पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ को ट्वीट कर ‘थैंक्यू’ कहा। बता दें कि हिंसाग्रस्त यमन से 140 अन्य नर्सों की ओर से डिस्ट्रेस कॉल मिलने के बाद भारत ने ऑपरेशन ‘राहत’ को गुरुवार तक के लिए बढ़ा दिया है। सूत्रों के मुताबिक, भारत के ‘राहत’ ऑपरेशन में कुल 4,100 लोगों ने स्वदेश वापसी को लेकर नाम रजिस्टर्ड कराया था।

इससे पहले मंगलवार को 700 से ज्यादा भारतीयों को तीन हवाई उड़ानों के जरिए निकाला गया। इनमें से 600 लोग यमन की राजधानी सना में फंसे थे। अधिकारियों के मुताबिक, 600 को एअर इंडिया के विमानों द्वारा, जबकि 100 अन्य को अल हुदायदाह से समुद्री मार्ग के जरिए आईएनएस तुर्किश पोत से निकाला गया।
गौरतलब है कि ‘राहत’ ऑपरेशन के शुरुआत में भारत को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। अदन की खाड़ी से लोगों को निकालने के लिए नौसेना को बोट तक किराए पर लेने पड़े। इसके लिए भारतीय दूतावास ने प्रतिघंटे 44 हजार रुपए तक भुगतान किया था।