विदिशा/बीना. बारिश और ओलावृष्टि से बर्बाद हुई फसलों को देखते हुए सीएम शिवराज सिंह चौहान ने बड़ी घोषणा की है, जिसके तहत किसानों को प्रति हेक्टेयर 32 हजार रुपए का मुआवजा मिलेगा, अच्छी बात यह है कि किसानों को अब जीरो प्रतिशत ब्याज पर पैसा मिलेगा, यानी अगले साल लिये जाने वाले कर्ज का ब्याज भी सरकार जमा करेगी। सीएम की इन घोषणा से किसानों को काफी राहत मिलेगी।
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। किसानों को ढांढस बंधाया। जल्द सर्वे के निर्देश देते हुए मुआवजा देने का ऐलान किया। सीएम पहले विदिशा जिले के गुलाबगंज के पटवारीखेड़ी और घुरदा गांव पहुंचे। फिर बीनाके सल्ला गांव में जायजा लिया।
सीएम ने कहा, 20 जिलों में फसलों को नुकसान हुआ है। संकट की घड़ी में मैं किसानों के साथ हूं। गेहूं, चना और मसूर की फसल में 50 प्रतिशत से ज्यादा नुकसान होने पर किसानों को प्रति हेक्टेयर 32 हजार रुपए की राहत राशि दी जाएगी। फसल बीमा का काम साथ चलेगा। प्रभावित किसानों की ऋण वसूली स्थगित करेंगे। अगले साल का ब्याज भी सरकार भरेगी। प्रयास करेंगे कि जीरो प्रतिशत ब्याज पर फिर किसानों को कर्ज मिल सके। सीएम ने कहा, सर्वे में कृषि के साथ उद्यानिकी फसलें शामिल की जाएंगी। मुख्यमंत्री ने अफसरों को फसलों का सैटेलाइट सर्वे कराने के भी निर्देश दिए।
जनहानि पर 4 लाख रुपए की राहत राशि
सीएम ने ऐलान किया कि बिजली गिरने से जहां जनहानि हुई है, उनके परिवार को 4 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी। गाय-भैंस की मौत पर 37 हजार, भेड़-बकरी की मौत होने पर 4 हजार और मुर्गा-मुर्गी की मौत पर प्रभावित लोगों को 100 रुपए दिए जाएंगे।
बेटी की शादी के लिए मिलेंगे 56 हजार रुपए
ओलावृष्टि से प्रभावित जिन किसानों की बेटियों की शादी होनी है, उन्हें 56 हजार देंगे। जो किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए पंजीयन नहीं करा सके, उनके लिए पोर्टल खुलेगा। यह व्यवस्था प्रभावित जिलों के लिए होगी। इधर, सरकार ने पंजीयन के लिए पोर्टल 24 मार्च तक खोला है।
सीएम ने पीएम मोदी को भी दी जानकारी
सीएम शिवराज ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी फसलों की जानकारी दी। शाम को कैबिनेट बैठक में प्रदेश के मंत्रियों को भी मैदान में उतरने के निर्देश दिए। साथ ही कहा कि मंत्री जनता को बताएं कि मध्यप्रदेश फसल क्षति की राहत राशि बांटने में देश में अग्रणी है। प्रदेश में फसलों के 50 प्रतिशत से अधिक नुकसान को शत-प्रतिशत मानकर राहत राशि दी जाती है।