Wednesday, October 22

लोकसभा-राज्यसभा की कार्यवाही 20 मार्च सुबह 11 बजे तक स्थगित, Adani मामले में जेपीसी जांच को लेकर 16 विपक्षी दलों का प्रदर्शन

संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण के पांचवे दिन शुक्रवार को भी भाजपा और कांग्रेस दोनों ही अपने-अपने रुख पर अड़े रहे हैं। राहुल गांधी से माफी की मांग और अडानी मामले में जेपीसी गठन के मसले पर सरकार और विपक्ष के बीच तकरार एवं गतिरोध की वजह से इस पूरे सप्ताह संसद में कामकाज सुचारू ढंग से नहीं हो पाया। शुक्रवार को भी संसद के दोनों सदनों – लोक सभा और राज्य सभा की कार्यवाही शुरू होते ही हंगामा और नारेबाजी शुरू हो गई। इस वजह से दोनों सदनों की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई। फिर राज्यसभा और लोकसभा की कार्यवाही 20 मार्च सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है। राज्यसभा और लोकसभा की कार्यवाही स्थगित होने के बाद विपक्ष एकजुट हो गया। और विपक्ष के नेताओं ने संसद में गांधी प्रतिमा के सामने अडानी मामले में जेपीसी जांच की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। कांग्रेस सांसद और UPA अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे विरोध में शामिल हुए। इसके साथ ही 15 अन्य दलों के दिग्गज नेता इस विरोध में शामिल हुए।

कार्यवाही शुरू होते ही हुआ हंगामा

शुक्रवार सुबह 11 बजे लोक सभा में कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा सांसदों ने राहुल गांधी से माफी मांगने की मांग शुरू कर दी, वहीं विपक्षी सांसदों ने वेल में आकर नारेबाजी शुरू कर दी। हंगामे और नारेबाजी के बीच लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन में प्रश्नकाल चलाने का प्रयास किया।

सदन में अगर आर्डर रहेगा तो सबको बोलने का मौका मिलेगा – ओम बिरला

लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि, सदन में अगर आर्डर रहेगा तो सबको बोलने का मौका मिलेगा लेकिन हंगामा लगातार जारी रहने पर उन्होंने सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी। लोक सभा की कार्यवाही अब सोमवार को सुबह 11 बजे शुरू होगी।

राज्य सभा की कार्यवाही अब सोमवार को होगी

वहीं राज्य सभा में भी लगातार पांचवे दिन सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच गतिरोध जारी रहा। हंगामे की वजह से उपराष्ट्रपति एवं राज्य सभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने उच्च सदन की कार्यवाही को दिन भर के लिए स्थगित कर दिया। राज्य सभा की कार्यवाही भी अब सोमवार को सुबह 11 बजे शुरू होगी

भाजपा-कांग्रेस अपने-अपने रुख पर अड़े

इधर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही अपने-अपने रुख पर अड़े हुए नजर आ रहे हैं। राहुल गांधी गुरुवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात कर यह आग्रह कर चुके हैं कि, सरकार के चार मंत्रियों ने उन पर आरोप लगाए हैं, इसलिए वो सदन में जवाब देना चाहते हैं, हालांकि इसके बाद प्रेस कांफ्रेंस कर उन्होंने यह भी आशंका जताई थी कि, उन्हें नहीं लगता कि उन्हें सदन में बोलने का मौका दिया जाएगा। इधर भाजपा ने एक बार फिर से यह साफ कर दिया है कि राहुल गांधी की माफी से कम उन्हें मंजूर नहीं है।