Tuesday, October 21

सुखतवा पुल टूटने से हैवी-व्हीकल की परेशानी – ड्राइवर-क्लीनर का दर्द, बोले-94 किमी फेरे का मालिक नहीं दे रहा खर्च, 2 लाख के आलू खराब

नर्मदापुरम जिले के सुखतवा नदी का 157 साल पुराना पुल ट्राले के वजन से टूट जाने से औबेदुल्लागंज-बैतूल नेशनल हाइवे पर हैवी व्हीकल प्रतिबंधित हैं। इन लोडिंग वाहन को नर्मदापुरम, सिवनी-मालवा, टिमरनी, चिचोली होते हुए बैतूल के रास्ते निकाला जा रहा है। जिसे नर्मदापुरम से बैतूल की जो दूरी 106 किमी थी, वो अब 200 किमी हो गई है। यानी सीधे-सीधे 94 किमी अतिरिक्त हो गया है। ऐसे में लोडिंग और ट्रांसपोर्टेशन करने वाले वाहन ड्राइवर-क्लीनर की परेशानी बढ़ गई है। मोटर के मालिक और ट्रांसपोर्टेशन दोनों उस अतिरिक्त किमी का खर्च देने से इंकार कर रहे। जिससे ड्राइवर-क्लीनर एनएच-69 पर इटारसी के पास दो-तीन दिनों से वाहन खड़े रखे हुए।

दिन-रात हाइवे पर जंगल में ड्राइवर-क्लीनर इस आस में समय गुजार रहे कि पुलिस और एनएचएआई के लोगों द्वारा उन्हें सुखतवा के रास्ते ही जाने दिया जाएगा। 11 मुखी हनुमान मंदिर के पास करीब 50 से ज्यादा लोडिंग वाहन खड़े है। जो दिल्ली, आगरा, जयपुर से माल लेकर चैन्नई, मद्रास, तेलंगाना जाना चाहते है।

वीडियो भेजने पर भी कंपनी का नहीं आया कोई मैसेज

मैं अशोक परमार फिरोजाबाद से बेंगलुरु शराब की कांच की खाली बोतल लेकर जा रहा हूं। दो दिन से हाइवे पर खड़ा हूं। कर्नाटका रोड लाइंस की गाड़ी है। पहले से निर्धारित रोड का ही खर्चा मिलता है। रास्ता बंद होने और दूसरे रास्ते से 100 से 120 किमी अतिरिक्त बताने के बारे में कंपनी को कहा। दो दिन हो गए, कोई जवाब नहीं आया अगर हम जाएंगे तो उतना खर्च जेब से उठाना पड़ेगा।

दो दिन में 2 लाख के आलू खराब

ड्राइवर मोनू ने बताया आगरा से आलू लोड कर निकला। बुधवार माल की डिलेवरी देना थी। लेकिन दो दिन से यहां खड़े हूं। मालिक को जानकारी दी तो कहता है मुझे कोई मतलब नहीं, व्यापारी कह रहा मुझे माल लाकर दो। लेकिन दो दिन से धूप में खड़े रहने से 2 लाख रु. का आलू खराब हो गया। रोड बंद है इसमें हमारी क्या गलती। पर माल खराब होने का हर्जाना मुझसे वसूला तो मैं मर माऊंगा। मेरे पास खाने को पैसे नही है।

रास्ता बंद की नहीं मिली सूचना, वरना बच जाता किलोमीटर

जयपुर से चैन्नई के लिए माल लेकर जा रहे इशराइल खान ने कहा एनएचएआई और ट्रोल कंपनी की गलती है कि औबेदुल्लागंज या गडरिया नाले के पास हमें सुखतवा के पास रास्ता बंद और पुल टूटने की जानकारी नहीं दी गई। अगर पहले बताया होता तो हम रेहटी, सलकनपुर या नर्मदापुरम के रास्ते निकल जाते। यहां आने के बाद हमें आगे जाने से रोका। दो दिन से जंगल में परेशान हो रहा हूं। खाने-पीने की कोई व्यवस्था नहीं है।