शिवराज सरकार ने राजस्व विभाग के लिए पटवारियों के 5,204 नए पद बढ़ाने की घोषणा की है। यानी अब कुल पद 24,224 हो जाएंगे। नई भर्तियां तीन साल के भीतर होंगी। अगले वर्ष विधानसभा चुनाव भी होने हैं। ऐसे में इसे इलेक्शन से जोड़कर भी देखा जा रहा है। पिछले 5 साल से पटवारियों की भर्ती नहीं निकली है। अब ऐसे में पटवारी कार्ड खेलकर सरकार ने सत्ता हासिल करने के लिए नया दांव चला है।
अबतक पटवारी के 19 हजार 20 स्वीकृत पद थे। इनमें से 1630 पद खाली हैं। नए पद जुड़ने के बाद खाली पद 6,834 हो गए हैं। कैबिनेट की मंजूरी के बाद 3 हजार पदों पर भर्ती करने की मंजूरी दी गई है। विभागीय मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के मुताबिक जल्द ही भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी, लेकिन हकीकत यह है कि राज्य सरकार 2017 में निकाली गई भर्ती के सभी पदों को नहीं भर सकी।
उम्मीदवारों का कहना है कि पिछली भर्ती में विज्ञापित पद ही पूरे नहीं भरे गए हैं। वहीं अब जब विधानसभा चुनाव की तैयारी होने लगी है, तब सरकार नए पद बनाकर भर्ती की बात कर रही है। बेरोजगार युवा कहते हैं कि यदि पटवारी भर्ती करने के मामले में सरकार की अच्छी नीयत होती, तो 2017 की भर्ती के सभी पद भर लिए जाते। पिछली कांग्रेस सरकार के समय भी गोविंद सिंह राजपूत के पास राजस्व विभाग का जिम्मा था। वे कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए, तो वर्तमान सरकार में भी राजस्व विभाग इन्हीं के पास है।
साल 2017 में निकली थी भर्ती
प्रदेश में पटवारी भर्ती 27 अक्टूबर 2017 को आखिरी बार निकाली गई। इसमें 9,235 पद विज्ञापित किए गए। ये सभी पद नहीं भर सके। राजस्व विभाग के अनुसार 1630 पद खाली हैं।
वेटिंग के उम्मीदवारों की नहीं की गई नियुक्ति
आमतौर पर भर्ती प्रक्रिया 6 महीने में पूरी हो जाती है, लेकिन यह भर्ती करीब 3 साल तक चली। लेकिन इसके बाद भी सभी 9,235 पद नहीं भरे जा सके। साथ ही वेटिंग लिस्ट के सभी उम्मीदवारों को भी मौका नहीं मिला, जबकि भर्ती नियमों के अनुसार खाली पद वेटिंग के उम्मीदवार से भरे जाने थे। वेटिंग में 1385 उम्मीदवार थे। नियुक्ति नहीं होने पर इनमें से कई कोर्ट पहुंचे हैं।
कोर्ट में विचाराधीन 100 से ज्यादा केस
पटवारी भर्ती एक ऐसी भर्ती मानी जाती है। जिसके लिए बेरोजगार युवा लंबे समय से तैयारी करते हैं, लेकिन पिछली भर्ती को लेकर कई युवाओं को निराशा हाथ लगी है। सरकार के अनुसार इस भर्ती के तहत चयन प्रक्रिया 10 फरवरी 2020 को समाप्त की जा चुकी है। लेकिन हकीकत ये है कि इस भर्ती को लेकर 100 से ज्यादा केस कोर्ट में विचाराधीन हैं।
पटवारी पर लैंड रिकॉर्ड के अलावा दूसरा वर्कलोड भी
वर्तमान में पटवारी लैंड रिकॉर्ड के मूल्य कार्य के अलावा न्यायालयीन प्रतिवेदन, नामांतरण-बंटवारा रिपोर्ट, गिरदावरी फसल बीमा, उपार्जन, जाति प्रमाण पत्र, बीपीएल जांच, कृषि गणना, ऋण वसूली में सहयोग जैसे अन्य कार्य भी करते हैं। इसलिए लैंड रिकॉर्ड के मूल कार्य के अलावा अन्य कार्य करने से पटवारियों पर कार्यभार बढ़ा है। इसे कम करने प्रदेश में तहसील मुख्यालय स्तर पर 428 वर्कलोड पटवारी पदस्थ किए जाएंगे।
वर्कलोड कम करने का एक तरीका यह भी
नगरीय क्षेत्र में लैंड रिकॉर्ड के आधुनिकीकरण कार्य और भू-प्रबंधन के लिए नगर सर्वेक्षक की नियुक्ति की जाएगी। नगरीय क्षेत्र को सेक्टर में बांटकर 50 हजार की जनसंख्या पर एक सेक्टर बनाया जाएगा। प्रत्येक सेक्टर में एक नगर सर्वेक्षक नियुक्ति किया जाएगा। 988 नगर सर्वेक्षक (वरिष्ठ पटवारी) नियुक्ति किए जाएंगे।
नई भर्ती में कौन हो सकेगा शामिल?
पूर्व में तय भर्ती नियमानुसार ग्रेजुएशन डिग्रीधारी आवेदन कर सकेंगे। साथ ही, जॉइनिंग के दो साल के अंदर कंप्यूटर प्रोफिसिएंसी सर्टिफिकेट टेस्ट यानी CPCT क्लियर करने की शर्त अनिवार्य रखी जा सकती है। राजस्व विभाग द्वारा तय कटऑफ डेट पर कैंडिडेट की उम्र 40 साल से अधिक नहीं होनी चाहिए। महिला व आरक्षित वर्ग के लिए तय मापदंड के अनुसार छूट रहेगी। उम्मीदवार के पास रोजगार कार्यालय में जीवित पंजीयन होना चाहिए। हालांकि, 2012 की भर्ती में कक्षा 12वीं की आर्हता तय थी। साथ में PGDCA मांगा गया था। इसे पिछली भर्ती के समय बदल दिया गया था।
परीक्षा कौन कराएगा?
पिछली भर्ती परीक्षा प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड PEB ने कराई थी। राज्य सरकार ने पीईबी के स्थान पर कर्मचारी चयन बोर्ड का गठन करने का निर्णय लिया है। यदि भर्ती निकलने से पहले नए बोर्ड का गठन हो जाता है, तो यही परीक्षा कराएगा। गठन नहीं होने पर पीईबी ही भर्ती परीक्षा करेगा। इसके बाद मेरिट के आधार पर विभाग काउंसलिंग आयोजित कर भर्ती करेगा।