मुख्यमंत्री के गृह जिले में सीएम हेल्पलाइन पर दर्ज होने वाले आवेदनों की सुनवाई नहीं हो रही है। संबंधित विभागों के अफसर इसे गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। यही वजह है कि लंबित आवेदनों की संख्या 5 हजार से ज्यादा हो गई है। इनमें सैकड़ों आवेदक 100 या 300 से भी ज्यादा दिनों से निराकरण के लिए भटक रहे हैं।
वहीं एक तथ्य यह भी सामने आ रहे हैं कि अफसर आवेदकों पर शिकायत वापस लेने का दबाव भी बना रहे हैं। ग्रेडिंग में पिछड़ने के बाद जिले में पिछले 2 दिनों से शिविर जिले भर में लगने शुरू हो गए हैं। मंगलवार तक 300 शिकायतों को निपटाया गया है।
जिले के सभी ब्लाकों में तहसील स्तरों पर विशेष शिविर में एसडीएम द्वारा एलएवन स्तर के अधिकारियों की मौजूदगी में लंबित आवेदनों पर कार्रवाई की जा रही है। सोमवार से शुरू हुए ये शिविर बुधवार तक चलेंगे।
765 शिकायतें 100 दिन से लंबित
जिले में करीब 900 से ज्यादा आवेदन ऐसे हैं, जो कि 100 या 300 दिन से भी ज्यादा समय से लंबित हैं। इनमें 100 से ज्यादा दिन से लंबित आवेदन 765 हैं। जबकि 300 से ज्यादा दिन से लंबित आवेदनों की संख्या 160 हैं। महीनों तक आवेदनों पर कार्रवाई ना करने वाले विभागों में पहले नंबर पर कृषि विभाग है।
कृषि विभाग के 168 आवेदन 100 दिन और 65 आवेदन 300 दिन से ज्यादा लंबित हैं। इसके अलावा गृह विभाग, स्कूल शिक्षा, राजस्व, लोग निर्माण विभाग, श्रम विभाग, पीएचई सहित कई अन्य विभागों के सीएम हेल्प लाइन से संबंधित कई आवेदन महीनों से लंबित हैं।
एल-4 लेवल पर 1609 शिकायतें
जिले में 5 हजार 469 आवेदन लंबित बताए जा रहे हैं। इनमें सबसे ज्यादा 2073 आवेदन एल-1 स्तर पर लंबित हैं। इसके अलावा 596 आवेदन एल-2 लेवल, 1191 आवेदन एल-3 और 1609 आवेदन एल-4 लेवल पर पहुंचने के बाद भी लंबित हैं। इनमें सबसे अधिक 882 शिकायतें कृषि विभाग से संबंधित हैं।
नगरीय निकायों से संबंधित 518, राजस्व की 448, पीएचई विभाग की 394, पुलिस विभाग के 368, उर्जा विभाग के 334, पंचायत राज के 303, खाद्य आपूर्ति विभाग के 218, पीएम आवास योजना ग्रामीण के 187 शिकायतें लंबित हैं।
पहला केस- शिकायत वापस करा दी, लेकिन शुरू नहीं हुई पेंशन
कोठीचार खुर्द निवासी भंवर सिंह राजपूत ने बताया कि पिता का देहांत होने के बाद मां शारदा बाई की विधवा पेंशन चालू कराने के लिए उन्हें सालों तक गुमराह किया गया। इसके बाद जब सीएम हेल्प लाइन पर शिकायत की तो संबंधित मेडम ने कार्रवाई का आश्वासन देकर शिकायत वापस करवा दी। एक फरवरी को शिकायत वापस ले ली थी। लेकिन अभी तक मां की पेंशन की राशि खाते में नहीं आई है।
जिले के ये मुख्य विभाग सी और डी ग्रेड में
- पीएचई-446 शिकायतों में संतुष्टि से बंद का वेटेज 37.53 प्रतिशत, ग्रेड सी
- सहकारिता विभाग-366 शिकायतों में संतुष्टि से बंद का वेटेज 29.33, ग्रेड सी
- श्रम विभाग-121 शिकायतों में संतुष्टि से बंद का वेटेज 31.74, ग्रेड डी
- कृषि विभाग-586 शिकायतों में संतुष्टि से बंद का वेटेज 18.33 प्रतिशत, गेड डी
दूसरा केस- जनवरी में की थी शिकायत, अब तक नहीं हुई कार्रवाई
सतापाड़ा के कृषक अलि रजा ने बताया कि वर्ष 2019 की फसल बीमा राशि नहीं आने पर सीएम हेल्प लाइन पर शिकायत दर्ज कराई गई है। जनवरी 2022 में शिकायत की थी लेकिन अभी तक राशि प्राप्त नहीं हुई है। सीएम हेल्प लाइन पर दर्ज शिकायत वापस लेने के लिए कई बार फोन आए। फसल बीमा की राशि के संबंध में कोई भी जिम्मेदार अधिकारी संतोषजनक जवाब नहीं दे रहा है।
ए ग्रुप में पांचवे स्थान पर जिला
“सीएम हेल्प लाइन से संबंधित आवेदनों के मामले में मंगलवार की स्थिति जिला ए ग्रुप में प्रदेश में पांचवे स्थान पर है। सोमवार को करीब 150 शिकायतों का निराकरण हुआ है। लगभग इतने ही आवेदन मंगलवार को भी संतुष्टि से निराकरण हुए होंगे। सबसे अधिक लगभग 900 शिकायतें केवल फसल बीमा से संबंधित है। निराकरण कर रहे हैं।”
-अमृता गर्ग, जिला नोडल अधिकारी सीएम हेल्प लाइन