Tuesday, October 21

365 मीटर बन रहा बैराज, बेतवा की जलभराव क्षमता बढ़ने से रपटा पर बना स्टाप डेम डूबेगा

एक साल बाद बेतवा रपटा घाट पर गर्मी के दिनों में न लोग स्विमिंग पूल जैसा लुत्फ उठा पाएंगे न बच्चों को लाइफ जैकेट पहनाकर तैरना सिखा पाएंगे। कुरवाई और गंजबासौदा तहसील की सीमा पर बेतवा नदी पर बन रहे कोटा बैराज के कारण इतना जल भराव रहेगा।

अंबा नगर सड़क पर बने पुराने पुल पर भी आम दिनों में आधा फीट पानी रहेगा। इस कारण रिपटा घाट पर बना स्टाप डेम और दाह संस्कार के लिए बनाया गया चबूतरा भी डूब जाएगा। इस साल बेतवा नदी का जल स्तर मई में कम होने के बाद रिपटा घाट पर विधायक लीना जैन की अगुवाई में नदी तल में पड़े पत्थरों को हटाने का अभियान प्रारंभ करने का विचार था। इससे घाट पर नहाते वक्त डूबने की घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके लेकिन एक साल बाद होने वाले डूब की स्थिति को देखते हुए। इस अभियान पर विचार त्यागना पड़ा।

कोटा बैराज स्प्रिंकलर सिंचाई योजना के चलते बेतवा नदी पर 365 मीटर लंबा बैराज बनाया जा रहा है। इसकी ऊंचाई 16.50 मीटर रहेगी। इस कारण बेतवा नदी पर जलभराव 63.51 मिघमि क्षमता का रहेगा। इस कारण बेतवा का जलस्तर काफी बढ़ा रहेगा।

सिंचाई विभाग के अनुसार अंबा नगर सड़क पर बने पुराने बेतवा पुल पर भी आधा फीट पानी रहेगा इस परिणाम स्वरूप रिपटा घाट पर 2010 में बनाया गया स्टाप डेम भी डूब जाएगा। साथ ही घाट पर बने दाह संस्कार चबूतरे भी पानी में डूब जाएगा। कुल मिलाकर इतना पानी रहेगा लोग त्योहारों व तर्पण के दौरान नदी में नहीं उतर सकेंगे।

श्मशान पर ऊपर बने शेड का होगा उपयोग
बेतवा घाट पर पूर्व से ही दाह संस्कार किए जाते हैं। पुराने शहर के अधिकांश अंतिम संस्कार इसी घाट पर होते हैं लेकिन अंतिम संस्कार के दौरान होने वाले जल प्रदूषण को रोकने के लिए। डेढ़ दशक पहले ऊपर दाह संस्कार शेड बनाया गया है लेकिन वर्तमान में उसके अंदर कोई अंतिम संस्कार नहीं किया जाता।

सभी लोग रिपटा घाट पर बनाए गए चबूतरों पर अंतिम संस्कार संपन्न कराते हैं लेकिन बैराज बन जाने के बाद लोगों को अब उसी शेड का उपयोग करना पड़ेगा क्योंकि नदी में ऊपर तक पानी रहेगा। इससे नदी में होने वाला प्रदूषण भी रुकेगा।

बेतवा का जलस्तर बढ़न से खुदाई होगी बंद
बेतवा का जलस्तर बढ़ने से घाटों की मिट्टी खुदाई पर लगाम लगेगी। वर्तमान में ईंट भट्टा उपयोग के लिए जो मिट्टी आ रही है वह रिपटा घाट के माध्यम से नदी किनारे बने खेतों से लाई जा रही है। जल भराव के कारण वर्तमान रास्ते भी बंद हो जाएंगे। इस कारण घाट किनारे से मिट्टी लाना आसान नहीं होगा। कम से कम नदी के घाटों की चोरी छुपे हो रही मिट्टी खुदाई पर कुदरत ही लगाम लगाएगी। वर्तमान में प्रतिदिन रिपटा घाट के आसपास से एक दर्जन से ज्यादा ट्रैक्टर ट्राली मिट्टी परिवहन कर ले जाई जाती है।

स्टाप डेम आएगा डूब में
“कोटा बैराज निर्माण के बाद बेतवा का जल स्तर बढ़ेगा। इससे अंबा नगर मार्ग स्थित पुराने पुल पर भी कम से कम आधा फिट पानी रहेगा। रिपटा घाट का स्टाप डेम डूब में आएगा।”
-रंजीत साब, एसडीओ कोठा बैराज परियोजना गंजबासौदा।

घाट सफाई की थी योजना
इस साल मई में बेतवा रिपटा घाट पर पानी कम होने के बाद नदी तल में डेम निर्माण के दौरान बचे रहे बड़े-बड़े पत्थरों को पोकलेन मशीन के माध्यम से बाहर निकालने की योजना थी। जिससे गर्मी व आम दिनों में घाट पर नहाते वक्त डूबने की घटनाओं को रोका जा सके।

दरअसल नदी के तल में बड़े-बड़े चट्टाननुमा पत्थर हैं। इसमें गोता या बीच में नहाते वक्त लोगों के पैर फंस जाते हैं। इस वे कारण डूब जाते हैं। इसलिए जनभागीदारी के माध्यम से घाट की सफाई अभियान को मई के दौरान प्रारंभ करने पर मंथन चल रहा था लेकिन यह स्थिति सामने आने के बाद उसे त्यागना पड़ा। क्योंकि वर्तमान में खर्च किए गए सारे रुपए और प्रयास बेकार हो जाएंगे।