बिजली कंपनी के एसई संपूर्णानंद शुक्ला को 15 हजार रुपए की रिश्वत के मामले में फंसाने वाले गंजबासौदा के तथाकथित पत्रकार जफर कुरैशी अब खुद भी प्रशासन की कार्रवाई के जाल में उलझ गए हैं। गुरुवार को कलेक्टर उमाशंकर भार्गव के निर्देश पर 5 विभागों की टीमों ने संयुक्त रूप से जफर और उसके रिश्तेदारों के कई ठिकानों पर एक साथ छापामार कार्रवाई की।
राजस्व विभाग, खनिज विभाग, बिजली कंपनी, श्रम विभाग और पुलिस विभाग की टीमों ने अपने-अपने विभागों की योजनाओं में किए जा रहे कार्यों की जांच-पड़ताल की। ग्राम चौरावर में अवैध उत्खनन में लगी क्रेशर मशीन को सील कर पत्थर खदान में चल रहा अवैध उत्खनन भी बंद करा दिया है।
वहीं भौतिक सत्यापन के दौरान जफर के निर्माणाधीन वेयर हाउस के दस्तावेज नहीं मिलने पर उसके खिलाफ अलग से कार्रवाई की जा रही है। वहां काम करने वाले मजदूरी का भुगतान नहीं करने पर श्रम विभाग ने भी प्रकरण दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। कार्रवाई सुबह 11 बजे से प्रारंभ हुई दोपहर बाद तक चलती रही। जांच के दौरान किसी प्रकार का विवाद या अप्रिय स्थिति न बने, इसके लिए पुलिस बल भी मौजूद रहा।
सीएम को लिखा था पावर इंजीनियर एंड एम्पलाई एसो. के अध्यक्ष ने पत्र
बिजली कंपनी के एसई संपूर्णानंद शुक्ला पर लोकायुक्त कार्रवाई के बाद अब जफर और उसके नजदीकी रिश्तेदार शासन की सख्त कार्रवाई की जद में आ गए हैं। इस मामले में पावर इंजीनियर एंड एम्पलाई एसोसिएशन के अध्यक्ष द्वारा मुख्यमंत्री को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा गया है। इसके चलते जफर और उनके नजदीक रिश्तेदारों की शिकायत उच्च स्तर पर की गई है।
वेयर हाउस- नहीं मिले दस्तावेज
शिवरामपुर में जफर द्वारा स्वयं की भूमि पर किए जा रहे निर्माणाधीन वेयर हाउस का स्थल निरीक्षण किया गया। मौके पर सर्वे क्रमांक 527/3/1/3 रकबा 0.523 हेक्टेयर एवं खसरा नं 527/3/1/2, रकबा 0.523 हेक्टेयर क्षेत्र पर वेयर हाउस का निर्माण किया जाना पाया गया।
दोनों निर्माणाधीन वेयर हाउस के भूमि स्वामी जफर खसरा नंबर 527/3/1/3 एवं शाहनाज कुरैशी खसरा नं 527/3/1/2, राजस्व रिकार्ड में दर्ज हैं। मौके पर जांच के दौरान निर्माणाधीन वेयर हाउस निर्माणकर्ता के प्रतिनिधि द्वारा कोई भी दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए हैं।
खदान- कृषि भूमि पर खनन
ग्राम चौरावर में क्रेशर के लिए उत्खनन पट्टा शासकीय आराजी क्रमांक 28 रकबा 1 हेक्टेयर में मंजूर था, लेकिन उत्खनन कृषि भूमि पर मिला। तहसीलदार कमल सिंह मंडेलिया ने बताया कि बिना डायवर्सन के उसका उपयोग व्यवसायिक रूप से किया जा रहा था। अवैध उत्खनन और बिना डायवर्सन भूमि उपयोग के अलग-अलग प्रकरण बनाए गए। क्रेशर को सील कर दिया। जिस क्रेशर पर कार्रवाई की गई वह जफर के दामाद अब्दुल मतीन खान का है।
घरेलू गैस से वेल्डिंग
मौके पर मशीन वेल्डिंग के लिए रसोई गैस सिलेंडर का उपयोग पाया गया। खाद्य विभाग द्वारा इस मामले में भी प्रकरण बनाया गया। श्रम विभाग द्वारा रजिस्टर और मजदूरों से पूछताछ के बाद मजदूरी भुगतान नियमानुसार ना पाए जाने पर मामला बनाया गया।
बिजली- पंचनामा बनाया
जांच के दौरान बिजली कंपनी के अधिकारी भी मौजूद थे। क्रेशर के लिए जो कनेक्शन लिया था लोड उसी के अनुसार मिला। चोरी के कोई साक्ष्य नहीं मिले। लेकिन जांच के दौरान राजस्व दल द्वारा सर्वे नंबरों का विधि व सीमांकन कराया गया। सीमांकन के बाद जो स्थिति सामने आई, उसी के अनुसार मौके का पंचनामा तैयार किया गया।
प्रशासन पर कार्रवाई के लिए बना दबाव
सूत्रों के मुताबिक जफरके विरुद्ध गंभीर शिकायत है। केंद्र और राज्य शासन से की गई इन शिकायतों के बाद कार्रवाई के लिए दबाव बना हुआ है। उसके खिलाफ वर्तमान में कई और जांचें चल रही हैं।