Tuesday, September 23

वर्ल्ड बैंक की टीम ने बुधवार को इंदौर का दौरा किया–इकोनॉमिक सुपर कॉरिडोर:सर्वे

14_1425507275इंदौर. इंदौर और भोपाल के बीच प्रस्तावित इकोनॉमिक सुपर कॉरिडोर प्रोजेक्ट के विस्तृत सर्वे के लिए वर्ल्ड बैंक की टीम ने बुधवार को इंदौर का दौरा किया। तीन सदस्यीय टीम ने
अफसरों से इंदौर-भोपाल के बीच उद्योग-फैक्टरी, परिवहन की स्थिति और वर्तमान प्रोजेक्ट की जानकारी ली।

संभागायुक्त कार्यालय में सुबह प्रशासन, निगम, आईडीए और टीएंडसीपी के अफसरों के साथ बैठक में वर्ल्ड बैंक की कंट्री डायरेक्टर ओन्नी रूही, लीड अर्बन स्पेशलिस्ट बरजोर मेहता, सीनियर अर्बन प्लानर अभिजीत रे ने दोनों शहरों के बारे में प्राथमिक सवाल पूछे। टीम ने ट्रैफिक लोड, अभी प्रयोग में आ रहे संसाधन सहित मास्टर प्लान पर भी बात की।
गुरुवार को टीम भोपाल में मुख्य सचिव एंटोनी डिंसा से मिलकर प्रोजेक्ट की संभावनाओं पर अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। इसके बाद प्रोजेक्ट की विस्तृत सर्वे रिपोर्ट बनाने का काम शुरू होगा। इसमें ही तय होगा कि इसकी लागत कितनी होगी और कितने वक्त में यह प्रोजेक्ट तैयार होगा। बैठक में निगमायुक्त राकेश सिंह, आईडीए सीईओ दीपक सिंह आदि मौजूद थे।
ये फायदे होंगे- कॉरिडोर के आसपास रहने वाली एक करोड़ की आबादी पर इसका असर होगा। 20 लाख प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर बनेंगे। 30 हजार एकड़ जमीन का विकास होगा। तीन लाख करोड़ का निवेश होगा।
ये है प्रोजेक्ट
राज्य सरकार की मंशा दोनों शहरों के बीच इकानॉमिक सुपर कॉरिडोर बनाने की है। इसमें इंदौर-भोपाल के अलावा देवास, सोनकच्छ, आष्टा और सीहोर को भी ध्यान में रखते हुए प्लानिंग की जाएगी। मौजूदा फोरलेन रोड के दोनों ओर आधे से एक किमी के दायरे में कॉरिडोर बनाया जाएगा। कॉरिडोर पर ढाई से तीन लाख करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है।
हाईस्पीड ट्रेन
सीहोर से देवास के बीच नया ट्रैक बिछाकर भोपाल-इंदौर के बीच हाईस्पीड ट्रेन चलाने की भी योजना है।
भोपाल से इंदौर का सफर महज दो से ढाई घंटे में तय हो सकेगा।
मेट्रो डिपो के लिए मांगी 20 हेक्टेयर जमीन
शहर में लाइट मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए डीपीआर बना रही कंपनी ने दो दिन शहर में जमीनों की पड़ताल की। बुधवार को कंपनी ने आईडीए से सुपर कॉरिडोर पर चार स्थान बताकर डिपो के लिए अनौपचारिक रूप से 20 हेक्टेयर जमीन मांगी। हालांकि शासन की ओर से इसकी विधिवत मांग कलेक्टर के पास आई है। बोर्ड की अनुमति के बाद कलेक्टर जमीन शासन को चिह्नित कर देंगे।
कंपनी रोहित एंड एसोसिएट्स के रोहित गुप्ता ने दोपहर में आईडीए सीईओ दीपक सिंह से मुलाकात कर जमीन मांगी है। यह जमीन भौंरासला चौराहा के दोनों ओर, टीसीएस को दी गई जमीन से थोड़ा पहले और छोटा बांगड़दा-बड़ा बांगड़दा के आसपास बताई गई है। गुप्ता ने भास्कर से चर्चा में इसकी पुष्टि की। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश स्तर पर इंदौर-भोपाल के प्रोजेक्ट के लिए जो कंपनी का गठन होना है, उसकी प्रक्रिया 15 से 20 दिन में पूरी हो जाएगी।
आईडीए की आपत्तियों का निराकरण
आईडीए सीईओ ने कॉरिडोर क्षेत्र में जमीन पर लाइट मेट्रो चलाने पर आपत्ति लेते हुए नगरीय प्रशासन विभाग के ओएसडी कमल नागर को पत्र लिखा था। भास्कर में खबर छपने के बाद कंसल्टेंट कंपनी के प्रमुख आईडीए पहुंचे। यहां मुख्य नगर नियोजक आर.के. सिंह, अधीक्षण यंत्री एस.एस. राठौर व कार्यपालन यंत्रियों को गुप्ता ने प्रोजेक्ट समझाया। यह भी स्पष्ट किया कि प्रोजेक्ट से आईडीए की प्लानिंग डिस्टर्ब नहीं होगी।