प्रदेश में बिजली कंपनियां वित्तीय वर्ष 2022-23 में उपभोक्ताओं को जाेरदार झटका देने की तैयारी में है। बिजली कपंनियों की ओर से घरेलू बिजली में लगभग 10 प्रतिशत तो खेती-किसानी के लिए दी जाने वाली बिजली की दरों में साढ़े 10 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोत्तरी करने की याचिका लगाई है। आप चाहते हैं कि बिजली कंपनियों की मनमानी न थोपी जाए तो 21 जनवरी तक बड़ी संख्या में नियामक आयोग के समक्ष दावे-आपत्तियां पेश करना होगा।
मप्र राज्य नियामक आयोग 8 फरवरी से 10 फरवरी के बीच दावे-आपत्तियाें पर जनसुनवाई आयोजित करेगी। यदि लोगों के तर्क में दम रहा तो कंपनियों की मनमानी नहीं चलेगी। एमपी में बिजली महंगी पहले से थी। पर अब घरेलू व खेती-किसानी वाली बिजली की दरों में 10 प्रतिशत के लगभग बढ़ोत्तरी की सिफारिश की गई है। घरेलू और खेती-बारी की बिजली महंगी कर कंपनियों ने तीन हजार करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य रखा है।
इस तरह बिजली की दरों में बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव
- घरेलू बिजली-9.97%
- वाणिज्यिक बिजली-4.44%
- निम्न दाब औद्योगिक बिजली-5.11%
- कृषि बिजली-10.61%
- सप्लाई जल और पथ प्रकाश की बिजली दर-10.11
प्रदेश की तीनों कंपनियों ने 48 हजार 874 करोड़ रुपए की जरूरत
प्रदेश की तीनाें बिजली कंपनियों ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 48 हजार 874 करोड़ रुपए की जरूरत बताई है। तीनों कंपनियों ने इस दौरान 67 हजार 964 मिलियन यूनिट बिजली बेचने का अनुमान लगाया है। कंपनियों का दावा है कि वर्तमान कीमत पर बिजली बेचने पर उन्हें 44 हजार 957 करोड़ रुपए ही मिल पाएंगे। तीन हजार 915 करोड़ रुपए की भरपाई के लिए तीनों कंपनियों ने आसान उपाय निकाला है कि इसे उपभोक्ताओं की जेब से वसूला जाए। इसके लिए बिजली की औसत दरों में 8.71 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की है।
आम उपभोक्ताओं पर इस तरह बढ़ेगा बोझ
0 से 30 यूनिट-
पहले-3.25 रुपए प्रति यूनिट
अब-3.57 रुपए प्रति यूनिट
0 से 50 यूनिट-
पहले-4.13 रुपए प्रति यूनिट
अब-4.54 रुपए प्रति यूनिट
51 से 150 यूनिट-
पहले-5.05 रुपए प्रति यूनिट
अब-5.55 रुपए प्रति यूनिट
151 से 300 यूनिट-
पहले-6.45 रुपए प्रति यूनिट
अब-7.09 रुपए प्रति यूनिट
300 यूनिट से अधिक-
पहले-6.65 रुपए प्रति यूनिट
अब-7.31 रुपए प्रति यूनिट
किसानों पर इस तरह बढा़या बोझ
300 यूनिट तक-
पहले-4.69 रुपए प्रति यूनिट
अब-5.19 रुपए प्रति यूनिट
301 से 750 यूनिट-
पहले-5.72 रुपए प्रति यूनिट
अब-6.33 रुपए प्रति यूनिट
750 यूनिट तक
पहले-6.00 रुपए प्रति यूनिट
अब-6.64 रुपए प्रति यूनिट
25 एचपी तक-
पहले-5.30 रुपए प्रति यूनिट
अब-5.86 रुपए प्रति यूनिट
ई-वीकल और रेलवे की दरों में कोई बदलाव नहीं
कंपनियों ने रेलवे को बेची जाने वाली बिजली की दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। इसी तरह ई-वीकल चार्जिंग स्टेशन और व्यवसायिक ई-चार्जिंग स्टेशन की दरों में कोई बदलाव नहीं किया गाय है। कंपनियों की कोशिश है कि रेलवे और बिजली खरीदे। जबकि ई-वीकल वाहनों को प्रोत्साहन देने की नीति के चलते उनकी कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
2019-20 की बिजली का भार अब वसूलेगी कंपनियां
लगभग दो हजार करोड़ रुपए वित्तीय वर्ष 2019-20 की ट्रू-अप याचिका के तौर पर वसूलने का प्रस्ताव दिया है। दरअसल हर साल बिजली कंपनियां टैरिफ याचिका अनुमान के आधार पर पेश करती है। फिर वित्तीय वर्ष की समाप्ति होने पर असल खर्च का पता चलता है। इसे कंपनियां सत्यापित ट्रू-अप के तौर पर उपभोक्ताओं से वसूलती हैं।