Monday, September 22

शनिवार को एक बार फिर-धड़कते दिल के लिए फिर थमी दो शहरों की सांसें

4-1425151385 (1)बेंगलूरू/हैदराबाद। ह्वदय प्रत्यारोपण के लिए एक धड़कते दिल को एक शहर से दूसरे शहर पहुंचाने के लिए ट्रैफिक से खचाखच भरा बेंगलूरू और हैदराबाद शहर शनिवार को एक बार फिर से कुछ देर के लिए थम गया। बेंगलूरू यातायात पुलिस ने ग्रीन कॉरिडर बना एम्बुलेंस को शहर के विक्टोरिया सरकारी अस्पताल परिसर में स्थित प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (पीएमएसएसवाई) अस्पताल से करीब 13 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एचएएल हवाईअड्डा 11.33 मिनट में पहुंचाया।

जहां से इस धड़कते दिल को चाटर्ड विमान में हैदराबाद के बेगमपेट हवाईअड्डा और फिर वहां से सिंकदराबाद स्थित यशोदा अस्पताल ले जाया गया। यहां पहले से ही पूरी तरह से तैयार चिकित्सकों ने एक 46 वर्षीय महिला के शरीर में इस ह्वदय का प्रत्यारोपण कर उसे जिंदगी दी। ह्वदय प्रत्यारोपण को अंजाम देने वाले सिंकदराबाद के यशोदा अस्पताल के प्रत्यारोपण सर्जन डॉ. ए.जी.के. गोखले ने बताया कि एम्बुलेंस को हैदराबाद के बेगमपेट हवाईअड्डे से अस्पताल पहुंचने में करीब 2.45 मिनट का समय लगा।

पीएमएसएसवाई के प्रत्यारोपण दल के प्रमुख डॉ. नागेश एन.एस ने बताया कि ह्वदय सोलापुर के रहने वाले 40 वर्षीय पंडित शिवरय्या बाजे का है। 26 फरवरी को बेंगलूरू के इलेक्ट्रॉनिक सिटी के पास सड़क दुर्घना में बाजे गंभीर रूप से घायल हो गया था। तमाम कोशिशों के बाद चिकित्सक उसे बचा नहीं सके और जरूरी जांच के बाद उसे शनिवार को ब्रेन डेड प्रमाणित कर दिया। अंगदान के लिए समझाने पर परिजन मान गए। जिसके बाद ह्वदय, लीवर, गुर्दा और कॉर्निया अन्य मरीजों को दी गई। इसमें क्षेत्रीय अंगदान सहयोग समिति (जेडसीसीके) ने अहम भूमिका निभाई।

जेडसीसीके की प्रत्यारोपण समन्वयक मंजुला ने बताया कि इस साल यह 12वां कडैवर डोनेशन है। पांच महीने पहले बेंगलूरू पुलिस ने पहली बार ग्रीन कॉरिडर बना बीजीएस अस्पताल से धड़कते दिल को केंपेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा भेजा था। इसके बाद 20 दिसम्बर को मणिपाल अस्पताल से एक और धड़कते दिल को हवाईअड्डा पहुंचाने के लिए पुलिस ने फिर से ग्रीन कॉरिडोर बना एम्बुलेंस का रास्ता दिया। दोनों ही मामलों में धड़कते ह्वदय को विशेष विमान के जरिए प्रत्यारोपण के लिए चेन्नई भेजा गया था।