
राजधानी में 16 साल पुराने वायरलेस सेट पर पुलिस का कम्युनिकेशन चरमरा गया है। कई बार अफसरों के दिशा-निर्देश भी मातहत तक ठीक से नहीं पहुंच पा रहे हैं। पुराने वायरलेस सेट के बजाए वर्ष 2022 में भोपाल पुलिस हाइटेक डिजीटल सेट का इस्तेमाल करते नजर आएगी। ये वायरलेस सेट इन्क्रिप्टेड होंगे यानी इसकी फ्रिक्वेंसी पर जाकर कोई बाहरी व्यक्ति पुलिस की बात नहीं सुन सकेगा। फिलहाल ये सेट सीहोर, राजगढ़, नरसिंहगढ़, कटनी और बालाघाट जिलों में लगाए जा चुके हैं।
भोपाल जिले में वर्ष 2005 में रेडियो ट्रंकिंग सिस्टम लगाया गया था। इसके तहत भोपाल पुलिस को 1500 छोटे-बड़े वायरलेस सेट बांटे गए थे। इनमें भोपाल ट्रैफिक पुलिस को करीब 175 सेट दिए गए हैं। वायरलेस सेट रखने की पात्रता रेंज आईजी से लेकर एएसआई स्तर तक के पुलिस अफसरों को है। इसके अलावा सभी डायल 100, चार्ली, बीट प्रभारी और ट्रैफिक स्टाफ को भी ये सेट आधिकारिक कम्यूनिकेशन के लिए दिए जाते हैं। पुलिस का ज्यादातर वार्तालाप वायरलेस सेट पर ही करने का प्रावधान रखा गया है।
पुलिस के सेट की ‘बैटरी लो’
मौजूदा वायरलेस सेट की औसत उम्र 10-12 साल है। नए सेट की खरीदी न हो पाने के कारण भोपाल में इसे 16 साल बीतने के बाद भी इस्तेमाल किया जा रहा है। कई सेट तो ऐसे हैं, जिन्हें जुगाड़ से चलाया जा रहा है। यानी सेट में लगी बैटरी के कनेक्टर प्वाइंट पर रांगा सोल्ड करके भी इन्हें इस्तेमाल किया जा रहा है। इनकी बैटरी भी खराब हो चुकी हैं, जो कई बार आधे घंटे में ही लो हो जाती हैं।
नहीं दे सकेंगे झूठी लोकेशन
- डिजीटल सेट में पुलिसकर्मी झूठी लोकेशन नहीं बता सकेंगे। क्योंकि इनमें मोबाइल फोन की तरह लाइव लोकेशन भी ली जा सकेगी।
- यदि कोई सेट खो गया है तो उसे कंट्रोल रूम में बैठकर ही रिमोटली डिएक्टिवेट किया जा सकेगा। इससे कोई बाहरी व्यक्ति पुलिस की बात नहीं सुन सकेगा।
- नए सेट की आवाज मोबाइल फोन की तरह साफ होगी, जो बेहतर कम्यूनिकेशन में मदद करेगी।
- सेट के अनुसार इन्क्रिप्टेड कोडिंग दी जाएगी, जिससे बाहरी व्यक्ति फ्रिक्वेंसी को मैच कर बात नहीं सुन सकेगा।
अधिकारी बोले- कुछ पुराने वायरलेस सेट में दिक्कत हो रही है
कुछ पुराने वायरलेस सेट में कम्यूनिकेशन की परेशानी आ रही है। इसलिए पहले चरण में डिजीटल वायरलेस सेट इंदौर में लगाए जा रहे हैं। वर्ष 2022 में ये सेट भोपाल में लगेंगे। नई तकनीक के साथ पुलिस का कम्यूनिकेशन ज्यादा सुरक्षित और बेहतर होगा।
– राजेश सिंह, एसएसपी रेडियो शाखा