Wednesday, October 8

गौतम गंभीर नहीं… रोहित शर्मा ने राहुल द्रविड़ को दिया चैंपियंस ट्रॉफी 2025 जीतने का श्रेय

भारत इस साल की शुरुआत में रोहित शर्मा की कप्‍तानी और गौतम गंभीर की कोचिंग में चैंपियंस ट्रॉफी 2025 जीती थी। लेकिन इस खिताब को जीतने का श्रेय रोहित शर्मा ने खुद पूर्व हेड कोच राहुल द्रविड़ को देकर चौंका दिया है।

भारतीय टीम के पूर्व कप्तान रोहित शर्मा ने चैंपियंस ट्रॉफी जीतने का श्रेय वर्तमान कोच गौतम गंभीरी नहीं, बल्कि पूर्व हेड कोच राहुल द्रविड़ को दिया है। सीएट अवॉर्ड शो में रोहित ने कहा कि द्रविड़ ने टीम में ऐसी मानसिकता पैदा की, जिससे उन्हें चैंपियंस ट्रॉफी जीतने में मदद मिली। ज्ञात हो कि 2023 के वनडे वर्ल्‍ड कप फाइनल में मिली हार के बाद हिटमैन की अगुवाई वाली भारतीय टीम ने द्रविड़ के मार्गदर्शन में 2024 का टी20 विश्व कप अपने नाम किया। इसके बाद द्रविड़ की जगह गौतम गंभीर ने ली, जिन्होंने इस साल की शुरुआत में रोहित एंड कंपनी के साथ मिलकर चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का खिताब जीता।

किसी भी चीज को हल्के में न लें- रोहित शर्मा

सिएट क्रिकेट रेटिंग अवार्ड्स में बोलते हुए रोहित ने खुलासा किया कि चैंपियंस ट्रॉफी का हिस्सा रहे सभी खिलाड़ी इस बात पर विचार कर रहे थे कि मैच कैसे जीते जाएं। खुद को चुनौती दें और किसी भी चीज को हल्के में न लें। उन्होंने कहा कि पूरी टीम ने इस प्रक्रिया का आनंद लिया और ऐसा बार-बार किया। रोहित ने कहा कि इससे द्रविड़ और उन्हें 2024 के टी20 विश्व कप में मदद मिली थी और यह चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में भी जारी रहा।

‘हमने इसे बखूबी निभाया’

रोहित ने कहा कि ये वो गुण थे, जिन्हें हमने टीम में लाने की कोशिश की और हमें लगा कि बार-बार ऐसा करना एक अच्छा तरीका है। पहला मैच जीतने के बाद हमने उस मैच को पूरी तरह से भूलकर अगले मैच पर ध्यान केंद्रित करना शुरू कर दिया। टीम की ओर से यह वाकई बहुत अच्छा था और इससे मुझे और राहुल भाई को टी20 विश्व कप और फिर चैंपियंस ट्रॉफी की योजना बनाते समय मदद मिली। हमने इसे बखूबी निभाया।

‘यह एक या दो साल के काम की बात नहीं’

रोहित ने आगे कहा कि मुझे वह टीम बहुत पसंद है, उनके साथ खेलना बहुत पसंद था और यह एक ऐसा सफ़र है जिसमें हम सभी कई सालों से लगे हुए हैं। यह एक या दो साल के काम की बात नहीं है। यह कई सालों के काम में शामिल होने की बात है। हम कई बार ट्रॉफी जीतने के बहुत करीब पहुंचे थे, लेकिन हम जीत हासिल नहीं कर पाए। यहीं पर सभी ने फैसला किया कि हमें कुछ अलग करने की ज़रूरत है और इसे देखने के दो तरीके हैं। हमेशा यही सोचा जाता है कि ऐसा किया जाए और फिर जाकर वैसा ही किया। यह एक या दो खिलाड़ियों द्वारा नहीं किया जा सकता। हमें चाहिए था कि सभी इस विचार को अपनाएं और यह सभी की तरफ से अच्छा था।