Heart Failure:- हार्ट फेल्योर अधिकतर बुज़ुर्गों में देखी जाती थी, लेकिन अब कम उम्र के लोग भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। इसका एक बड़ा कारण आज की अनियमित दिनचर्या और गलत लाइफस्टाइल हो सकती है। आइए जुड़ते हैं हार्ट फेल्योर से जुड़ी कुछ जरूरी जानकारियों के साथ ताकि आप रहें सतर्क और स्वस्थ।
आज की मॉडर्न कल्चर और बदलती लाइफस्टाइल लोगों को कई नई बीमारियां और तनाव दे रही हैं। इन्हीं समस्याओं में से एक है जो अब एक गंभीर स्थिति बन चुकी है। पहले यह बीमारी अधिकतर बुज़ुर्गों में देखी जाती थी, लेकिन अब कम उम्र के लोग भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। इसका एक बड़ा कारण आज की अनियमित दिनचर्या और गलत लाइफस्टाइल हो सकती है। आइए जुड़ते हैं हार्ट फेल्योर से जुड़ी कुछ जरूरी जानकारियों के साथ ताकि आप रहें सतर्क और स्वस्थ।
हार्ट फेल्योर होता क्या है?
जब दिल की मांसपेशियां कमजोर या सख्त हो जाती हैं, तो वह शरीर की जरूरत के अनुसार खून पंप नहीं कर पातीं। इसे हार्ट फेल्योर कहा जाता है। ऐसी स्थिति में शरीर के अलग-अलग हिस्सों में तरल पदार्थ जमा होने लगता है, जिससे सांस फूलना, थकान और शरीर में सूजन जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।
क्या लाइफस्टाइल बन रही है वजह?
आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग अपनी सेहत को पीछे छोड़ते जा रहे हैं। देर रात तक जागना, तनाव में रहना, जंक फूड खाना और एक्सरसाइज न करना ये सब धीरे-धीरे दिल की सेहत बिगाड़ते हैं। शुरुआत में शरीर कोई साफ संकेत नहीं देता, लेकिन समय के साथ लक्षण बढ़ने लगते हैं।
किसे है ज्यादा खतरा?
- बैठे-बैठे रहने की आदत
- अस्वस्थ खानपान
- उम्रदराज लोग
- हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज से पीड़ित
क्या हार्ट फेल्योर का इलाज संभव है?
- इलाज में दवाओं के साथ जीवनशैली में बदलाव भी जरूरी होता है।
- डॉक्टर आमतौर पर बीटा-ब्लॉकर, डाययूरेटिक और ACE इनहिबिटर जैसी दवाएं देते हैं।
- मरीज को कम नमक वाला भोजन, नियमित व्यायाम और तनाव नियंत्रण की सलाह दी जाती है।
- गंभीर मामलों में पेसमेकर या हार्ट ट्रांसप्लांट जैसे विकल्प अपनाए जा सकते हैं।