इलाहाबाद । इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार को पिछले सात साल से लंबित उत्तर प्रदेश अनिवार्य विवाह पंजीकरण नियमावली को तीन माह के भीतर बनाने का निर्देश दिया है। न्यायालय ने इसके साथ ही विवाह के लिए मान्य आयु निर्धारित करने पर भी विचार करने का प्रदेश सरकार को निर्देश दिया है । न्यायालय ने महाप्रबंधक को आदेश दिया है कि वह आदेश का अनुपालन किए जाने के लिए इसकी प्रति प्रदेश के मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव महिला एवं बाल विकास उत्तर प्रदेश को प्रषित करें।
न्यायालय ने फर्जी आयु दस्तावेज और प्रमाण पत्र के आधार पर दाखिल याचिका खारिज कर दी है । न्यायालय ने कहा है कि कई ऎसे मामले उच्च न्यायालय में दाखिल हुए हैं जिनमें फर्जी आयु प्रमाण पत्र, फर्जी पते और विवाह प्रमाणपत्र तथा शादीशुदा होने के बावजूद कुंवारी बनकर नई शादी करने के हलफनामे दाखिल किए गए। न्यायमूर्ति एस.पी.केशरवानी ने एटा की रू बी और अन्य की याचिका पर आज यह आदेश दिया । राज्य सरकार के मुख्य स्थायी अधिवक्ता रमेश उपाध्याय ने बताया कि नियमावली का प्रारूप तैयार है जिस पर सैद्धान्तिक रू प से मुख्यमंत्री की सहमति है । शीघ्र ही इसे अन्तिम रूप दे दिया जाएगा