Tuesday, September 23

नर्सों की हड़ताल से अस्पताल की व्यवस्था बिगड़ी:100 नर्सों के विकल्प में 35 संविदा और एएनएम को इलाज का जिम्मा

उच्च वेतनमान समेत अन्य मांगों को लेकर नर्सेस की अनिश्चितकालीन हड़ताल तीसरे दिन भी जारी रही। समस्त सीनियर नर्सों के हड़ताल में जाने से जिला अस्पताल पूरी तरह से अनुभव हीन होता नजर आ रहा है और संविदा नर्स व्यवस्था बनाने में असफल नजर आ रही हैं। इस हड़ताल में अस्पताल की करीब 100 नर्सेस शामिल हैं।

नर्सेस एसोसिएशन विदिशा की अध्यक्ष बेला स्वामी का कहना है कि जिला अस्पताल की सभी 100 नर्स हड़ताल पर हैं। विकल्प के रूप में संविदा और एएनएम को बुलाया गया है। ये सभी मिलकर 35 के करीब हैं। 100 की तुलना में 35 कैसे काम कर पा रहे होंगे, ये समझा जा सकता है।

नर्सेस एसोसिएशन अध्यक्ष बेला स्वामी का कहना है कि प्रांतीय नेतृत्व प्रदेश सरकार से मांगें पूरी कराने के लिए प्रयासरत है। जब तक सरकार से कुछ नहीं मिल जाता, तब तक हड़ताल जारी रहेगी।

डॉक्टर चिड़चिड़ा रहे हैं
गंजबासौदा के रविंद्र यादव का कहना था कि नर्स की हड़ताल से डाक्टर चिड़चिड़ा रहे हैं। अंबार गांव की रेखाबाई का कहना था कि अस्पताल में इलाज कराना मुश्किल हो रहा है। सरोजबाई का कहना था कि प्रसूति वार्ड में नर्स नहीं होने की वजह से बहुत परेशानी हो रही है। एक भी सीनियर नर्सें वार्ड में मौजूद नहीं है।

संसाधनों के हिसाब से इंतजाम कर रहे हैं

  • सिविल सर्जन डॉ संजय खरे का कहना है कि जितने संसाधन हैं उसके हिसाब से इंतजाम कर रहे हैं। ज्यादा से ज्यादा मरीजों को इलाज मिल सके, इसके प्रयास कर रहे हैं। 350 बैड के अस्पताल में 500 मरीज भर्ती रहते हैं। इसलिए दिक्कत आती है। इस संबंध में शासन को पत्र भेजा है। -डॉ संजय खरे, सिविल सर्जन, जिला अस्पताल विदिशा।