महाराष्ट्र के पालघर मे 16अप्रैल को दो संतो सहित उनके ड्राइवर की हत्या कर दी थी ,उसके बाद से ही संत समाज के साथ ,देश के लोग पालघर कि सच्चाई सामने लाने के लिए बारबार आबज उठा रहे हे ,पर महाराष्ट्र सरकार उनकी इस मांग को गंभीरता से नहीं ले रही , दिखाने के लिए करीब सौ लोगो पर मुकदमे दर्ज कर लिए हे पर ठोस कार्यवाही अभी तक नहीं हुई।

पालघर की घटना कोई छोटी घटना नहीं हे ,क्योंकि जिस तरह का कृत्य अपराधियों ने किया है वह साधारण नहीं था ,क्योंकि यहां घटना एक सोची समझी साजिश दिखाई दे रही है तो क्यों न इसकी जांच सीबीआई से कराई जाये ऐसा कराने मे राज्य सरकार को खुद से आगे आना चाहिए था पर वो उन लोगों पर सवाल उठाने मे लगी हे जो उस पर सबाल खडे कर रहे हैं।
दुख इस बात का है ये कैसा हिंदुस्तान हे कैसा भारत ओर कैसा आर्यवर्त है।जहां सनातन हिंदू संत भी सुरक्षित नहीं हे उनके साथ निरंतर कोई न कोई घटना घट रही है ,पर उनकी सज्जनता, ओर धैर्य देखिए 21दिन के बाद भी न्याय कि आश लगाये हुए हैं। पर ये धैर्य कव तक जिस महाराष्ट्र के आजाद मैदान मे एक वर्ग के लोग खुलेआम तोडफ़ोड़ करते हे ,ओर शासन प्रशासन मौन होकर देखता रहता है ओर एक संत की हत्या की बात उठाने पर मामला दर्ज कर लिया जाता है।