आज मेरा ये लेख लोगों को हिंदू मुसलमान ,दिखाई दे सकता हे , कुछ लोग इसे संवैधानिक तौर पर गलत बता सकते हे पर ,क्या सच्चाई से मुहूं मोडा जा सकता हे। जिस तरह के हालात है ,उन हालात मे कुछ मुसलमानों का व्यवहार ने इस तरह का लेख लिखने मजबूर कर दिया है। ओर यह भी सोचने मजबूर किया है की आखिर इन लोगों के इस व्यवहार के लिए कोन जिम्मेदार।
आजादी के बाद देश दो राष्ट्र मे बदल गया एक हिन्दुस्तान ओर दूसरा पाकिस्तान ,धर्म के आधार पर बटवारा भी हो गया ,तथाकथित राजनीति ने देश को ऐसा दंश दिया है ,जिसे देश आज भी भुगत रहा जिन मुसलमानों को रोक कर देश को सांप्रदायिक होने का जो तमका दिया था आज वो रणनीति नासूर बनती दिखाई दे रही हे ।
भारत की राजनीति ने धृतराष्ट्र बनकर जिन मुसलमानों को देश मे रोका था आज उनका व्यवहार दुर्योधन सा हो गया हे ,इन सत्तर सालों मे देश को समस्या के अलावा कुछ नहीं दिया विकास ओर प्रगति इन से कोसों दूर हे सिर्फ़ धार्मिक कट्टरता के अलावा कोई विकास नहीं किया ,इनकी. इस हरकत ने देश का नुकसान तो किया ही है साथ ही खुद की कौम का भी नुकसान किया हे ।
आज इनके जाहिलपन के चर्चे देश सहित विदेशों मे भी हो रहे हे , डॉक्टर पर हमला करना नर्सों के सामने नग्गा होना थूंकना जैसी हरकत उस समय पर कर रहे है जव देश सहित पूरा विश्व कोरोना जैसे संकट से जूझ रहा हे अव लोग ये कहेंगे सव थोडी कर रहे है फिर आप मुसलमान शव्द क्यों लिख रहे है तो यहां यह भी जान लेना जरूरी है जो वांकी हे वो भी इन जाहिलों का पीछे से मौन रहकर समर्थन करते है।ओर देश की राजनीति धृतराष्ट्र वनु देखती रहती है ओर इनका तांडव चलता रहता है।