Wednesday, September 24

क्या तबलीगी जमात पर प्रधानमंत्री जी को बोलना चाहिए था।

कोरोना संक्रमण के चलते देश मे इक्कीस दिन का लॉकडाउन किया गया था ।आज उसका आखिर दिन था प्रधानमंत्री जी के राष्ट्र को सम्बोधन का समाचार कल ही लग गया था ओर कल से ही तरह तरह की आशंका भी व्यक्त की जा रही थी ,किस तरह का रिएक्शन होगा प्रधानमंत्री जी का ।

आखिर आज दस बजे रामायण के ब्रेक मे प्रधानमंत्री जी का राष्ट्र के नाम संदेश शुरू हो गया ,उन्होंने कई तरह की बात कही ओर तीन मई तक लॉकडाउन की घोषणा कर दी , उसके बाद से ही उनके भाषण पर सोशल मीडिया पर यह कहा जाने लगा की प्रधानमंत्री जी ने तबलीगी जमातियों के बारे मे कुछ नहीं कहा।

निष्चित तौर पर तबलीगी जमात पर कहना तो बनता है क्योंकि जिसके कारण पूरा देश संकट मे पहुंच गया इतना ही नहीं पूरे देश मे उनकी हरकतें कहीं से भी इंसानों बाली नहीं कही जा सकती । उनका व्यवहार अमानवीय ,निंदनीय रहा हे ,इसलिए लोगों की अपेक्षा थी की प्रधानमंत्री जी शायद कुछ बोलेंगे।

पर प्रधानमंत्री जी इस समय देश के मुखिया की भूमिका मे हे वो ऐसा कुछ नहीं करना चाहते जिससे इस एक बढे मिशन जो जीवन ओर मृत्यु से जुडा हे उस पर कोई ग्रहण लगे क्योंकि उन्हें घेरने तो जयचंदों की टोली तैयार ही बैठी हे। बैसे भी प्रधानमंत्री जी का शुरू से ही प्रयास रहा हे सवका साथ सवका विकास ओर सवका विश्वास।