Wednesday, September 24

लॉकडाउन की रामायण।

कोरोना-कोरोना ओर लॉकडाउन -लॉकडाउन सुनकर दिमाग पगलाने लगा था की दूरदर्शन ने रामायण ओर महाभारत का पुनः प्रसारण शुरू कर दिया जिस रामायण के कारण तीस वर्ष पूर्व सडकों पर लॉकडाउन हो जाया करता था । आज इस लॉकडाउन मे रामायण संजीवनी का काम कर रही है ।

वर्तमान पीढी जो भोगविलास के चलते न तो अपने बुजुर्गों का सम्मान कर रही थी ओर ना ही अपने बच्चों को संस्कार दे रही थी ,उल्टे कुतर्क किया करती थी,ऐसे मे जव लॉकडाउन के चलते रामायण ओर महाभारत जैसे धारावाहिक देखकर अपने दूषित विचारों को छोडने मजबूर होना पडेगा।

रामायण के एक एक संबाद जिसमे किसी भी तरह के छुआछूत , ऊंचनीच, छोटा बढा न होकर सिर्फ नीति की ही पैरवी कि गई हे।

इसी तरह महाभारत मे भी सिर्फ ओर सिर्फ सिद्धांतों की बात बताई हे त्याग, तपस्या, समर्पण की गाथा से निष्चित ही हमारी आनेवाली पीढी को एक नई प्रेरणा मिलेगी। इतना ही नहीं कही न कहीं संस्कारों का उदय भी होगा।

आज भले ही लॉकडाउन की इक्कीस दिन बाली अवधि को तीन मई तक बढा दिया हो ,पर रामायण ओर महाभारत के सहारे ये दिन भी निकल जायेंगे ,कोरोना भले ही किसी के लिए नुकसानदेह रहा हो पर भारतीये दर्शन के लिए वरदान सिद्ध हुआ हे।