Thursday, October 23

कितना उचित हैं धार्मिक स्थलों में जमावड़ा

देश इन दिनों एक भयंकर परिस्थिती का सामना कर रहा है | या यह कहे तो अतिश्योक्ति नहीं होगी की इस समय देश एक अपरोक्ष युद्ध लड़ रहा हैं | जिसमे आक्रमण करने वाला एक वायरस हैं जो मानव सभ्यता को नष्ट करना चाहता हैं इस मानव सभ्यता को बचाने के लिए देश के प्रधानमंत्री ने देश में 21 दिन का लॉक डाउन किया हैं | जिसमे लोगों को घर में रहने की हिदायत दी गयी हैं सिर्फ ठोस कारण होने पर ही घर से बाहर निकला जा सकता हैं | पर देश के कुछ लोगों ने यह सोच लिया हैं की हमें ऐसे किसी नियम को नहीं मानना हैं |

इस बंद के दौरान धार्मिक स्थलों को भी बंद रखने की हिदायत दी गयी हैं जिसमे देश के प्रमुख मंदिर, मस्जिद ,गुरुद्वारे बंद हैं पर कुछ कट्टरपंथी अपनी कट्टर मानसिकता के चले आज भी उन धार्मिक स्थलों पर भीड़ जमा कर रहे हैं और पूरे समाज को एक मुसीबत में डालने का काम कर रहे हैं |

प्रशासन के समझाने के बाबजूद भी ये कट्टरपंथी मानने को तैयार नहीं हैं अब सवाल यह उठता हैं के ऐसे लोगों पर कोई ठोस कार्यवाही नहीं की जानी चाहिए या ऐसे धार्मिक स्थलों पर बुलडोजर चलवा देना चाहिये | क्योँकि जिस धार्मिक स्थल पर मानवता का पाठ न मिलता हो वह धार्मिक स्थल नहीं हो सकता क्योँकि धर्म तो मानव कल्याण का मार्ग बताता हैं| जब इस तरह के धार्मिक स्थल शासन के आदेश की अभेलना करते नजर आ रहे हैं तो इस समय धर्म के ठेकेदार सामने आकर समझाने का प्रयास भी नहीं कर रहे हैं और समर्थक नेता भी इनके द्वारा किये जा रहे असंबैधानिक कृत्य को रोकने का प्रयास नहीं कर रहे हैं ऐसा लग रहा हैं की मानव सभ्यता से बड़ा धर्म हो गया हैं | जबकि इस समय पूरे देश में सभी तरह की धार्मिक सामाजिक गतिबिधिया बंद हैं प्रशासन को इन पर कठोर कार्यवाही करनी चहिये क्योँकि कोरोना वायरस किसी धर्म जाती समुदाय में भेद नहीं करेगा और उससे संक्रमित होने पर उसकी सजा पूरे भारत को उठानी पड़ेगी