
पटना | कोरोना वायरस से लड़ने के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार मिलकर काम कर रहे हैं | बिहार सरकार ने कोरोना को महामारी घोषित कर दिया गया है। अब इलाज या जांच से मना करने पर अस्पताल सहित चिकित्सकों पर कार्रवाई होगी। कोरोना को लेकर सोशल मीडिया या अन्य किसी भी स्तर पर भ्रम फैलाने वाले व्यक्ति जेल भेजे जाएंगे। सभी सरकारी और निजी अस्पताल में थर्मल स्क्रीनिंग अनिवार्य होगी। सरकारी-निजी अस्पतालों में फ्लू कॉर्नर बनेगा। संदिग्ध को आइसोलेशन वार्ड में बलपूर्वक भी रखा जा सकेगा।
मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने द बिहार एपिडेमिक डिजीज कोविड 19 रेगुलेशन 2020 की अधिसूचना जारी की। इसमें ये तमाम व्यवस्थाएं की गईं हैं। यह एक साल तक मान्य होगा। सरकार ने एपिडेमिक डिजीज एक्ट 1897 को आधार बनाया है। इसमें 6 माह कैद और एक हजार जुर्माना हो सकता है। राज्य समन्वय समिति की बैठक के बाद मुख्य सचिव दीपक कुमार ने कहा कि इस एक्ट के तहत सरकार किसी भी मॉल सहित निजी परिवहन को रोक सकती है। सरकार किसी भी व्यक्ति को रेल-बस यात्रा से भी प्रतिबंधित कर सकती है।