
नईदिल्ली | सीएए के विरोध में हुए प्रदर्शन के दौरान उत्तरप्रदेश में कई जगह हुयी हिंसा के बाद उपद्रव करने वाले लोगो को चिन्हित कर उनके पोस्टर सार्वजनिक जगह लगाए जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुयी सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यूपी सरकार की इस कार्रवाई पर सवाल उठाए। कोर्ट ने कहा कि यूपी सरकार की कार्रवाई कानूनन सही नहीं है। कोर्ट ने यह भी टिप्पणी की कि जनता और सरकार में फर्क है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अनिरुद्ध बोस द्वारा सुनवाई की गई। इस दौरान उन्होंने सरकार द्वारा पोस्टर लगाए जाने पर नाराजगी जताई और कहा कि यह कार्रवाई कानूनन सही नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर किसी खास संगठन के लोग शामिल हों तो अलग बात है लेकिन आम आदमी की ऐसी तस्वीरें लगाने के पीछे क्या तर्क है? कोर्ट ने सरकार से सवाल किया कि आखिर किस कानून के तहत पोस्टर लगाए गए?