
मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार जिस दिन से बनी हैं उस दिन से अस्थिरता की तलवार लटक रही हैं | आये दिन सरकार और विपक्ष के बीच तनातनी चलती रहती हैं और सरकार के अस्थिर होने की खबरे भी मिडिया में आ रही हैं बैसे भी कमलनाथ सरकार जोड़तोड़ पर टिकी हुयी हैं | गुटवाजी में वटी कांग्रेस एक दूसरे को शहमात का खेल खेलते आ रहे हैं इधर भाजपा में भी खींचतान के चलते सरकार गिराने की बयानबाजी आये दिन देखी जा सकती हैं कई वार भाजपा के नेताओ द्वारा सरकार गिराने की बात कही गयी पर संगठन की शक्ति के बाद उन नेताओ ने अपने ही बयानों से पल्ला झाड़ लिया |
अब मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह द्वारा शिवराज सिंह पर अपने विधायक खरीदे जाने की बात कर रहे हैं | पर शिवराज सिंह ने इस तरह के आरोपों को नकार दिया हैं पर कही न कही कुछ तो हलचल चल रही हैं | जिस तरह थमे हुए पानी में कोई एक पत्थर डाल देता हैं तो पानी में तरंगे दिखने लगती हैं उसी तरह दिग्विजय सिंह द्वारा लगाए जा रहे आरोप के पीछे कोई न कोई बजह जरूर होगी ये अलग बात हैं की अभी उसके साक्ष्य सामने नहीं हैं |
मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच भी दूरिया देखी जा सकती हैं | वही अजय सिंह भी अपने खेमे के साथ अलग दिखाई दे रहे हैं दिग्विजय सिंह के वारे में तो सभी जानते हैं इसलिए राजनितिक गलियारे में जो हलचल दिखाई दे रही हैं उसमे कही न कही तो कुछ चल रहा हैं |
बैसे कमलनाथ सरकार ने सरकार बनाने के साथ ही अपने मंसूबे स्पष्ट का दिए थे | और प्रदेश को एक नयी दिशा में ले जाने की बात कही थी वही किसानो की कर्ज माफ़ी को लेकर भी कमलनाथ सरकार की बड़ी फजीहत हुयी हैं और अब मध्यप्रदेश में नयी शराब निति को लागू करने से लोगो में आक्रोश देखा जा रहा हैं उधर दूसरी और जिस तरह से ज्योतिरादित्य सिंधिया को नजरअंदाज किया जा रह हैं वही भी आग में घी डालने का काम कर सकता हैं | अब तो आने वाला समय ही यह बताएगा की इन राजनितिक गलियारों में तूफ़ान क्योँ उठ रहा हैं