Tuesday, October 21

कही जोखिम तो नहीं हैं सोशल मिडिया को आधार से लिंक करना

आधार लिंक को लेकर एक बार फिर नई बहस शुरू हो गयी हैं, आधार से निजता को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा कई मौके पर आदेश व्यक्त किया जा चूका हैं और और समय-समय पर आधार के डाटा को लेकर भी कई तरह की बाते सामने आ रही हैं | जिसमे कम्पनियो द्वारा आधार का डाटा चुरा लेने की भी बाते सामने आ रही हैं , ऐसे में एक बार फिर आधार सुर्खियों में हैं प्राप्त जानकारी के अनुसार माननीय न्यायालय में आधार को लेकर इस बात पर विचार किया जाना हैं कीजब सोशल साइट से लोगो की निजता कम्पनियो के पास अपने आप हैं ऐसे में आधार को लेकर बेकार का संशय बना हुआ हैं |

आधार को लिंक करने में कोई परेशानी नहीं हैं, जबकि कुछ लोगो का यह मानना हैं कि आधार से बैंक अकाउंट जुड़े हुए हैं और अन्य जगह भी आधार लिंक हैं ऐसे में आधार को लिंक करना खतरनाक हो सकता हैं इससे व्यक्ति की गोपनीय जानकारी कम्पनियो के पास पहुंच सकती हैं जिससे नुकसान हो सकता हैं

जिस तरह से सोशल मिडिया पर फर्जी आई.डी द्वारा फेक खबरे चलाई जाती हैं तो उसे रोकने के लिए कोई तो विकल्प तलाशना होगा जिससे इस तरह की खबरों से बचा जा सके क्योँकि सोशल साइट का कोई भी डाटा भारत में सुरक्षित नहीं हैं ऐसे में सरकार के ऊपर फेक खबरों को रोकनेहुए आधार के लिए बड़ी जिम्मेदारी हैं

और उसके समाधान की भी जबाबदारी हैं और इसीलिए माननीय न्यायालय में अपना पक्ष रखते हुए आधार को लिंक करने की कमान्ग कर रही हैं सरकार द्वारा फेक खबरों को रोकने के लिए कम्पनियो से कई बार अनुरोध किया जा चूका हैं पर कम्पनिया जानकार के अनजान बन रही हैं और कोई कार्यवाही नहीं कर रही हैं जिससे फेक खबरे रोकी जा सके अब सरकार को ऐसा तंत्र तैयार करना होगा जिससे फेक खबरों को रोका जा सके |