Friday, October 24

पीड़िता तो मुआवजे दिए जाए 25 लाख रूपए और सुरक्षा – सुप्रीम कोर्ट

नईदिल्ली| उन्नाव रेप केस में सुप्रीम कोर्ट ने पीड़िता की चिट्टी पर सुनवाई करते हुए कहा हैं की ने उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दिए कि पीड़ित और उसके परिजनों को सुरक्षा मुहैया कराई जाए। इसके अलावा अंतरिम राहत के तौर पर 25 लाख मुआवजा भी दिया जाए। कोर्ट ने दुष्कर्म पीड़िता से जुड़े सभी मामले दिल्ली ट्रांसफर करने के आदेश दिए। इसके अलावा सीबीआई को निर्देश दिया कि सड़क हादसे की जांच 7 दिन के भीतर और बाकी मामलों की सुनवाई 45 दिन के भीतर पूरी की जाए।पीड़िता 28 जुलाई को परिवार के साथ कार से उन्नाव से रायबरेली जा रही थी, जब एक ट्रक ने सामने से टक्कर मार दी। हादसे में पीड़िता की मौसी और चाची की मौत हो गई। पीड़िता वेंटिलेटर पर है। सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है।

12 जुलाई को चीफ जस्टिस गोगोई को लिखे गए पत्र में पीड़िता और उसकी मां ने सुरक्षा की गुहार लगाई थी। इसमें लिखा था- उन लोगों पर एक्शन लिया जाए, जो उसे धमकाते हैं। लोग घर आकर केस वापस लेने की धमकी देते हैं। कहते हैं कि अगर ऐसा नहीं किया तो झूठे केस में फंसाकर जिंदगीभर जेल में बंद करवा देंगे। हालांकि, यह चिट्ठी चीफ जस्टिस की जानकारी में नहीं लाई गई। बुधवार को सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री के सेक्रेटरी जनरल से इस बारे में सवाल किए। सेक्रेटरी जनरल ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में हर महीने औसतन 5 हजार पत्र आते हैं। रजिस्ट्री को जुलाई में 6,900 लेटर मिले हैं। इनमें से 1,100 पत्र याचिकाएं थीं। सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के मुताबिक इनकी स्क्रीनिंग की गई थी। इस मामले में रजिस्ट्री को पीड़िता के नाम तक की जानकारी नहीं मिली।