नईदिल्ली| प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना को मंजूरी दे दी हैं. इस के तहत अब गावो में लगभग अस्सी हजार करोड़ की रूपए की लगत से सड़को का निर्माण होगा। मोदी सरकार ने इसके लिए मंजूरी देदी हैं| कैबिनेट द्वारा जारी बयान में कहा गया है, ‘इससे गांव-गांव को ग्रामीण कृषि बाजारों, उच्च प्राथमिक स्कूलों और अस्पतालों से जोड़ने का प्रयास किया जाएगा.’ इस योजना पर शुरुआती दौर में 80,250 करोड़ रुपये की लागत आएगी जिसमें 53,800 करोड़ रुपये केंद्र सरकार और 26,450 करोड़ रुपये राज्य सरकार खर्च करेगी. बयान में कहा गया है, ‘यह फंड केंद्र और राज्यों के बीच 60:40 के अनुपात में खर्च किया जाएगा, हालांकि पूर्वोत्तर के राज्यों और 3 हिमालयी राज्यों (जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड) में यह अनुपात 90:10 का होगा.’
अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के कार्यकाल में 25 दिसंबर, 2000 को शुरू हुई इस योजना का उद्देश्य पूरे देश में सड़क मार्ग से न जुड़ सके सभी स्थानों को हर मौसम में काम लायक पक्की सड़कों से जोडऩा था. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की शुरुआत केंद्र सरकार से 100 प्रतिशत सहायता प्राप्त योजना के रूप में हुई थी.साल 2014 मोदी सरकार के सत्ता में आने के समय तक देश में कुल 56 प्रतिशत ग्रामीण सड़कें पक्की थीं. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल का दावा है कि मोदी के शासनकाल में ‘प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का आकार तिगुना हो गया है.” ग्रामीण विकास मंत्रालय का दावा है कि मार्च-अप्रैल 2019 तक 95-97 प्रतिशत गांवों को सड़कों से जोड़ दिए जाने का लक्ष्य है.