Sunday, October 19

केरल में मिला निपाह वायरस का रोगी, उपचार जारी

केरल | केरल के कोच्चि में शहर में निपाह वायरस के पहले रोगी की पहचान कर ली गयी हैं युवक को युवक को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कर लिया गया हैं वह अस्पताल में विशेष निगरानी में रहेगा इस रोगी की पहचान की पुष्टि खुद केरल की स्वास्थ मंत्री के के शैलजा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर की है. प्रेस कॉन्फ्रेंस में शैलजा ने की राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान ने पुष्टि की कि 23 साल का छात्र के खून में निपाह वायरस पाया गया है. उन्होंने आगे कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है, पुष्टि से पहले ही सरकार ने एहतियात बरतनी शुरू कर दी थी. उन्होंने बताया कि निपाह के शक के 86 मामले आए थे, जिनमें से 2 को एडमिट करवाया गया. इनमें से 1 की पुष्टि हो गई है और 1 मरीज के खून के सैंपल जांच के लिए भेज दिए गए हैं वही इस मामले में केंद्रीय स्वास्थ मंत्री हर्षवर्धन का कहना हैं की हमने आज केरल में निपाह वायरस की स्थिति का जायजा लिया और स्वास्थ्य मंत्रालय में एक बैठक की. सोमवार को जबसे मैंने कार्यभार संभाला है, मैं इस मामले को देख रहा हूं.” उन्होंने बताया, “राज्य सरकार की मदद के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय के विशेषज्ञों और अधिकारियों की एक टीम पहले ही केरल पहुंच गई है.” उन्होंने आगे कहा, “निपाह के शक के 86 मामले अब तक आ चुके हैं, जिनमें से एक की पुष्टि हुई है. इसके लिए स्वास्थ्य मंत्रालय में एक नियंत्रण कक्ष का गठन किया गया है.” उन्होंने आगे कहा, “मैंने केरल की स्वास्थ्य मंत्री से बात की और केंद्र से हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया. ” बता दे कि ये वायरस एक तरह का दिमागी बुखार है, जिसका संक्रमण तेजी से फैलता है. संक्रमण होने के 48 घंटे के भीतर यह व्यक्ति को कोमा में पहुंचा देता है. इसकी जद में जो भी व्यक्ति आता है उसे सांस लेने में दिक्कत के साथ सिर में भयानक पीड़ा और तेज बुखार होता है. कहा जाता है कि इस वायरस की पहचान 1998 में सबसे पहले मलेशिया में हुई थी.