72वां गणतंत्र दिवस:चित्रों वाला दुनिया का अकेला संविधान, 22 पन्नों पर शांति निकेतन के चितेरों ने राम और श्याम उकेरे तो सम्राट अकबर और टीपू सुल्तान भी बनाए
राम, कृष्ण, बुद्ध और महावीर के चित्रों पर संविधान के पंथनिरपेक्ष होने पर सवाल उठा थाबहस के बाद संविधान सभा में तय हुआ, शब्द संविधान का हिस्सा हैं लेकिन चित्र नहीं
काल की छाती पर पैर रखकर नृत्य करते नटराज, अयोध्या लौटते राम-सीता और लक्ष्मण, कुरुक्षेत्र में अर्जुन को गीता का उपदेश देते कृष्ण और गंगा का धरती पर अवतरण। शांति का उपदेश देते बुद्ध और यज्ञ कराते वैदिक ऋषि की यज्ञशाला। ये सभी चित्र हमारे संविधान की मूल कॉपी यानी अंग्रेजी पांडुलिपि में हैं।
प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के कहने पर शांति निकेतन के प्रसिद्ध चित्रकार नंदलाल बोस ने अपने छात्रों के साथ चार साल में 22 चित्रों और बॉर्डर से संविधान सजाया। उन्हें 21 हजार रुपए का मेहनताना दिया गया।
संविधान के कवर को अजंता की भित्ति चित्र शैली (दीवारों पर बने चित्र) से सजाया गया है। शुरुआत अशोक के चिह्न से की गई है। अगले पन्ने पर प्रस्त...