Saturday, October 18

आंदोलन

26 जनवरी की ट्रैक्टर परेड:टीकरी, सिंघु और गाजीपुर बॉर्डर पर 20 हजार ट्रैक्टर पहुंचे; बैरिकेड हटाए जा रहे, एक ट्रैक्टर पर तीन लोगों को ही इजाजत
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26 जनवरी की ट्रैक्टर परेड:टीकरी, सिंघु और गाजीपुर बॉर्डर पर 20 हजार ट्रैक्टर पहुंचे; बैरिकेड हटाए जा रहे, एक ट्रैक्टर पर तीन लोगों को ही इजाजत

किसान संगठनों और दिल्ली पुलिस के बीच 26 जनवरी की ट्रैक्टर परेड पर सहमति बनने के बाद सिंघु और टीकरी बॉर्डर पर तैयारियां जोरों पर हैं। पंजाब और हरियाणा से ट्रैक्टरों के आने का सिलसिला लगातार जारी है। सूत्रों के मुताबिक, रविवार की रात तक टीकरी, सिंघु और गाजीपुर बॉर्डर पर करीब 20 हजार ट्रैक्टर पहुंच चुके हैं। किसान नेताओं का दावा है कि 26 जनवरी की सुबह तक एक लाख ट्रैक्टर आ जाएंगे। टीकरी बॉर्डर पर एक साइड से रोड खोली गईरविवार की शाम को रूट पर सहमति बनने के बाद दिल्ली पुलिस ने टीकरी बॉर्डर से दिल्ली की तरफ आने वाली सड़क पर एक साइड से बैरिकेडिंग हटा दी है। आंदोलन स्थल से करीब एक किलोमीटर आगे सीमेंट के बैरिकेड्स और लोहे के बड़े कंटेनरों को हटाकर सड़क खाली कर दी गई है। साथ ही तय रूट पर दिल्ली पुलिस और CRPF के जवानों ने भी सुरक्षा व्यवस्था संभाल ली है। परेड में सबसे ज्यादा ट्रैक्टर टीकरी बॉर्डर स...
ट्रैक्टर परेड पर सस्पेंस:किसानों का दावा- परेड की मंजूरी मिली, 5 रास्तों से दिल्ली में दाखिल होंगे; दिल्ली पुलिस बोली- किसानों ने रूट नहीं बताया
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ट्रैक्टर परेड पर सस्पेंस:किसानों का दावा- परेड की मंजूरी मिली, 5 रास्तों से दिल्ली में दाखिल होंगे; दिल्ली पुलिस बोली- किसानों ने रूट नहीं बताया

किसान संगठनों ने दावा किया है कि 26 जनवरी को किसान परेड के लिए दिल्ली पुलिस ने मंजूरी दे दी है। किसानों ने इसे किसान गणतंत्र परेड का नाम दिया है। उनका कहना है कि प्रदर्शनकारी ट्रैक्टरों पर सवार होकर 5 अलग-अलग रास्तों से दिल्ली में दाखिल होंगे और इस दौरान करीब 100 किलोमीटर का रास्ता तय करेंगे। हालांकि, पुलिस ने कहा कि बातचीत अभी आखिरी दौर में है। किसानों ने ट्रैक्टर परेड का रूट लिखित में नहीं दिया है, जब वो हमें रूट बताएंगे, तब हम फैसला लेंगे। दिल्ली पुलिस ने सिंघु बॉर्डर से खरखौदा टोल प्लाजा का रूट परेड के लिए ऑफर किया था। यह रूट 63 किलोमीटर का है। किसान संगठनों ने तभी कहा था कि वो 100 किमी तक ट्रैक्टर परेड निकालना चाहते  शांतिपूर्ण रैली की मंजूरी, दिल्ली में रुकने की इजाजत नहीं होगीआंदोलन से जुड़े स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने शनिवार को ही कहा था कि दिल्ली पुलिस और किसान...
किसानों के लिए प्रदर्शन:भोपाल में कांग्रेस पार्टी किसान आंदोलन के समर्थन में आज राजभवन का घेराव करेगी; कमलनाथ भी होंगे शामिल
आंदोलन, भोपाल संभाग, राज्य समाचार, विविध

किसानों के लिए प्रदर्शन:भोपाल में कांग्रेस पार्टी किसान आंदोलन के समर्थन में आज राजभवन का घेराव करेगी; कमलनाथ भी होंगे शामिल

मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ता आज भोपाल में राजभवन का घेराव करेंगे। दोपहर 11 बजे सभी कार्यकर्ता जवाहर चौक में एकत्रित होंगे। उसके बाद सभी पैदल मार्च करते हुए राजभवन के लिए रवाना हो जाएंगे। बताया जाता है कि कृषि कानूनों के विरोध और देश में चले रहे किसान आंदोलन के समर्थन में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस शनिवार को राजधानी भोपाल में दोपहर 12 बजे राजभवन का घेराव करेगी। कार्यक्रम में वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं सहित प्रदेश एवं जिलों से आये कांग्रेस कार्यकर्ता बड़ी संख्या में शामिल होंगे। इस दौरान दिल्ली की सीमाओं पर मरने वाले किसानों को श्रद्धांजलि भी दी जाएगी। प्रदेश कांग्रेस के कार्यालय प्रशासन प्रभारी राजीव सिंह ने बताया है कि विभिन्न क्षेत्रों ने आने वाले कांग्रेस के कार्यकर्ता सुबह 11 बजे जवाहर चैक स्थि...
किसान आंदोलन:भोपाल में देर रात पुलिस ने धरने पर बैठे किसानों को उठाया; टेंट भी खोलकर ले गए
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किसान आंदोलन:भोपाल में देर रात पुलिस ने धरने पर बैठे किसानों को उठाया; टेंट भी खोलकर ले गए

संघ के संयोजक बोले- शांतिपूर्ण प्रदर्शन को बलपूर्वक हटाना शर्मनाक दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों का आंदोलन के समर्थन में भोपाल में धरने पर बैठे किसानों को शुक्रवार देर रात पुलिस ने हटा दिया। मौके से पुलिस टेंट और माइक भी खोलकर ले गई। अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा मध्य प्रदेश के संयोजक विजय कुमार ने बताया कि किसान आंदोलन के समर्थन में भोपाल के करोंद कृषि उपज मंडी के गेट के सामने संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में चल रहे शांतिपूर्ण धरने को आधीरात में बलपूर्वक हटाया गया है। यह बेहद शर्मनाक है। यह कार्रवाई सरकार के किसान विरोधी चेहरे को उजागर करती है। शिवराज सरकार के इस तानाशाही पूर्ण रवैए की हम भर्त्सना करते हैं। अपने आप को किसान कहने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान किसानों को विरोध दर्ज कराने का अधिकार भी नहीं दे रहे हैं। मध्य प्रदेश में किसान आंदोलन का बलपूर्वक दमन किया जा र...
किसान आंदोलन में साजिश!:किसानों के हत्थे चढ़ा संदिग्ध बोला- ट्रैक्टर मार्च में 4 नेताओं को गोली मारनी थी; AAP बोली- डर सच हुआ
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किसान आंदोलन में साजिश!:किसानों के हत्थे चढ़ा संदिग्ध बोला- ट्रैक्टर मार्च में 4 नेताओं को गोली मारनी थी; AAP बोली- डर सच हुआ

सरकार से 12वें राउंड की बातचीत नाकामयाब होने के बाद किसान संगठनों ने आंदोलन में हिंसा की साजिश रचने का दावा किया है। किसान आंदोलन की सुरक्षा समिति ने शुक्रवार की रात सिंघु बॉर्डर से एक व्यक्ति को पकड़ा है। किसान नेता इसे मीडिया के सामने लेकर आए, जहां उसने कहा कि उसे 26 जनवरी को होने वाले ट्रैक्टर मार्च के दिन 4 किसान नेताओं को गोली मारने के निर्देश दिए गए थे। पकड़े गए व्यक्ति ने कहा कि उसे ये निर्देश हरियाणा पुलिस के एक अफसर प्रदीप ने दिए थे। हालांकि, इस दावे पर अभी तक सरकार या हरियाणा पुलिस का कोई बयान नहीं आया है। इस व्यक्ति को अब पुलिस के हवाले कर दिया गया है। मामले पर आम आदमी पार्टी ने कहा कि हमारा सबसे बुरा डर सच साबित हो रहा है। इससे समझ आता है कि वे (केंद्र सरकार) किस तरह से किसान आंदोलन को खत्म करना चाहते हैं। किसान जिसे सामने लाए, उसने कहा- जिन्हें मारना था, उनके फोटो मिल...
ट्रैक्टर परेड की तैयारी में जुटे किसान:बैरिकेड तोड़ने के लिए ट्रैक्टरों के आगे लोहे की रॉड लगवाई, आंसू गैस से बचने के लिए फाइबर कवर
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ट्रैक्टर परेड की तैयारी में जुटे किसान:बैरिकेड तोड़ने के लिए ट्रैक्टरों के आगे लोहे की रॉड लगवाई, आंसू गैस से बचने के लिए फाइबर कवर

किसान संगठन दिल्ली की आउटर रिंग रोड पर 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड निकालने की तैयारी में जोर-शोर से जुटे हुए हैं। पंजाब के जालंधर और पटियाला से कई समर्थक ट्रैक्टर लेकर दिल्ली पहुंच रहे हैं। किसान नेताओं का दावा है कि परेड में एक लाख से ज्यादा ट्रैक्टर शामिल होंगे। 23 जनवरी को किसान ट्रैक्टर परेड की रिहर्सल भी करेंगे। दिल्ली पुलिस ने अभी तक ट्रैक्टर परेड की इजाजत नहीं दी है। टकराव की संभावना को देखते हुए किसानों ने ट्रैक्टरों को फाइबर शीट से कवर किया है, ताकि आंसू गैस और वाटर कैनन से बचा जा सके। बैरिकेड तोड़ने के लिए ट्रैक्टरों के अगले हिस्सों को भारी लोहे से कवर किया गया है, ताकि ट्रैक्टरों को नुकसान न पहुंचे। गुरदासपुर से आए एक किसान ने बताया, 'मैं भारतीय किसान यूनियन राजेवाल के संगठन से जुड़ा हूं। मेरे साथ 500 ट्रैक्टर रवाना हुए हैं, जो 26 जनवरी से पहले दिल्ली पहुंच जाएंगे।' सूत्रों ...
किसानों की आज सरकार से बातचीत:कृषि कानून 3 साल होल्ड करने की मांग कर सकते हैं किसान, डेढ़ साल वाला प्रपोजल नामंजूर
आंदोलन, राजधानी समाचार, राज्य समाचार, विविध, संपादकीय

किसानों की आज सरकार से बातचीत:कृषि कानून 3 साल होल्ड करने की मांग कर सकते हैं किसान, डेढ़ साल वाला प्रपोजल नामंजूर

कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन का आज 58वां दिन है। बुधवार को किसानों से बातचीत में सरकार ने प्रपोजल दिया कि कृषि कानूनों को डेढ़ साल तक होल्ड कर सकते हैं। इसके बाद उम्मीद जगी कि अब शायद किसान मान जाएं, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। किसान नेताओं ने गुरुवार को दिन भर बैठकें करने के बाद देर रात कहा कि सरकार का प्रपोजल मंजूर नहीं। उन्होंने कहा कि कानून रद्द होने चाहिए, और MSP की गारंटी मिलनी चाहिए। अब किसानों की सरकार के साथ 12वें दौर की मीटिंग आज होगी। इसमें किसान अपना फैसला सरकार को बताएंगे। 3 साल कानून होल्ड कराने की मांग का सुझाव भी आयाकिसान नेताओं की बैठकों में यह चर्चा भी हुई कि सरकार को नया प्रस्ताव दिया जाए, जिसमें कानूनों को 3 साल तक होल्ड करने का हलफनामा सुप्रीम कोर्ट में देने, प्रति एकड़ 3 लाख के एग्रीकल्चर लोन की लिमिट बढ़ाकर 5 लाख करने, ब्याज दर पुरानी रखने और मृतक किसानों के परिज...
किसान-सरकार मीटिंग का टर्निंग पॉइंट:लंच में तोमर ने शाह को फोन किया, गृह मंत्री ने डेढ़ साल कानून होल्ड करने का प्रपोजल दिया
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किसान-सरकार मीटिंग का टर्निंग पॉइंट:लंच में तोमर ने शाह को फोन किया, गृह मंत्री ने डेढ़ साल कानून होल्ड करने का प्रपोजल दिया

कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन का 57वां दिन है। इससे पहले बुधवार को किसानों के साथ 11वें राउंड की बातचीत में सरकार कुछ झुकती हुई नजर आई। केंद्र ने बुधवार को किसान नेताओं को दो प्रपोजल दिए। पहला यह कि डेढ़ साल तक कृषि कानून लागू नहीं किए जाएंगे और सरकार इसका हलफनामा कोर्ट में देने को तैयार है। दूसरा- MSP पर बातचीत के लिए नई कमेटी बनाई जाएगी। कमेटी जो राय देगी, उसके बाद MSP और कृषि कानूनों पर फैसला लिया जाएगा। मीटिंग का टर्निंग पॉइंट...दिल्ली के विज्ञान भवन में किसानों और सरकार की मीटिंग में लंच से पहले तक कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही थी। दोपहर 3 बजकर 50 मिनट पर लंच ब्रेक हुआ। इसी दौरान कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गृह मंत्री अमित शाह को फोन लगाकर किसानों की चिंता बताई। चिंता यह कि सुप्रीम कोर्ट की कमेटी 2 महीने में रिपोर्ट दे देगी, उसके बाद कृषि कानूनों के अमल पर लगी रोक कभी भी हट स...
उत्तराखंड में भी दिल्ली जैसा आंदोलन:दो CM जिस सड़क को बनवाने का वादा कर चुके हैं, उसके लिए महीने भर से धरने पर सैकड़ों गांव वाले
आंदोलन, राज्य समाचार, विविध, संपादकीय

उत्तराखंड में भी दिल्ली जैसा आंदोलन:दो CM जिस सड़क को बनवाने का वादा कर चुके हैं, उसके लिए महीने भर से धरने पर सैकड़ों गांव वाले

दिल्ली में चल रहा किसान आंदोलन बीते दो महीने से देश की सबसे बड़ी खबर बना हुआ है। न सिर्फ अपने व्यापक स्वरूप के चलते ये आंदोलन सुर्खियों में रहा है, बल्कि अपने अनोखे प्रबंधन और प्रदर्शन के तरीकों के चलते भी ये आंदोलन मीडिया में छाया रहा। लेकिन मीडिया की सुर्खियों से दूर लगभग ऐसा ही एक आंदोलन उत्तराखंड के एक सुदूर कस्बे में भी चल रहा है। पिछले एक महीने से यहां भी सैकड़ों लोग सड़क पर लंगर डाले कड़कड़ाती ठंड में बैठे हुए हैं। इनकी मांग सिर्फ इतनी है कि इनके गांवों तक पहुंचने वाली उस सड़क का निर्माण पूरा किया जाए। जो हर साल न जाने कितने हादसों का कारण बन रही है। उत्तराखंड में एक तरफ बहुचर्चित चार धाम परियोजना के तहत सड़कों का चौड़ीकरण हो रहा है, तो वहीं कई सड़कें ऐसी हैं जिनकी स्थिति आज भी वैसी ही है जैसी दशकों पहले हुआ करती थी। चमोली जिले के नंदप्रयाग से विकासखंड घाट को जोड़ने वाली करीब 19 ...
कोविड-19 सेंटर से नौकरी से हटाए गए कर्मचारी:पीपीई किट पर डाॅक्टर, नर्स लिखकर फांसी पर लटकाया
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कोविड-19 सेंटर से नौकरी से हटाए गए कर्मचारी:पीपीई किट पर डाॅक्टर, नर्स लिखकर फांसी पर लटकाया

नौकरी में वापस लेने की मांग को लेकर लगातार आंदोलन चला रहे कोविड-19 सेंटर से नौकरी से हटाए गए कर्मचारी फिर नौकरी में वापस लेने की मांग को लेकर लगातार आंदोलन चला रहे हैं। कोविड-19 स्वास्थ्य संगठन के बैनर तले नीमताल गांधी प्रतिमा के सामने सोमवार को पीपीई किट के गले से रस्सी बांधकर उन्हें ऊपर लटका दिया गया। इन पीपीई किट पर डाक्टर, नर्से, फार्मासिस्ट लिखा हुआ था। कर्मचारियों का कहना था कि अभी हमने पीपीई किट को फांसी पर लटकाकर शासन को यह संकेत दे दिया है कि जिन स्वास्थ्य कर्मचारियों को नौकरी से हटाया गया है यदि उन्हें पुन: नौकरी में वापस नहीं लिया तो आने वाले समय में हमें भी यह कदम उठाना पड़ेगा। नर्सों का कहना था कि हम कोई आवश्यकता की वस्तु नहीं हैं।...