नक्सलवाद कितना असरदार:हर हमले के बाद खात्मे का दावा करती है सरकार, लेकिन बीजापुर अटैक दे रहा है नक्सलियों की मजबूती का सबूत
बीजापुर नक्सल अटैक के बाद सरकार ने हमेशा की तरह फिर से दावा किया है कि अब निर्णायक लड़ाई होगी। नक्सलवाद का खात्मा जल्द कर दिया जाएगा। इस दावे की वास्तविकता क्या है? देशभर में नक्सली कितने प्रभावी हैं? 7 पॉइंट में जानिए दावे और हकीकत..
1. समाज की सोच और नक्सलवाद का मकसदसमाज के कई वर्ग, खासतौर पर युवा पीढ़ी माओवादियों के बारे में रोमांटिक भ्रम रखती है। ये भ्रम इन वर्गों में नक्सलियों की विचारधारा को लेकर आधी-अधूरी समझ से पैदा होता है। दरअसल, माओवादी विचारधारा का मूल हिंसा है। देश के अलग-अलग राज्यों में कई माओवादी संगठन एक्टिव हैं, पर मौजूदा समय में सबसे बड़ा नक्सल संगठन सीपीआई माओइस्ट है। यही सबसे ज्यादा हिंसक वारदातों को अंजाम देता है। ये 2004 सितंबर में पीपुल्स वार और MCC के मर्जर के बाद बना था। माओवाद का असल मकसद मौजूदा लोकतांत्रिक ढांचे को खत्म कर नई लोकतांत्रिक क्रांति को शुरू क...










