जांच में बड़ा झोल, हैंडराइटिंग के आड़ में बच रहे आरोपी, CBI ने नहीं पकड़े सॉल्वर
व्यापमं कांड (Vypam Scam) की जांच में एक दिलचस्प तथ्य सामने आया है। दरअसल आरोपी हैंडराइटिंग को बचने का जरिया बना रहे हैं। पीएमटी फर्जीवाड़े में पुराने केसों की जांच की गई। बचाव पक्ष दलील दे रहा है कि 10 साल पहले किए गए हस्ताक्षर व नमूना हस्ताक्षर में समय का अंतर अधिक है। इतना अधिक समय बीत जाने के बाद स्वाभाविक रूप से हस्ताक्षर में अंतर आ जाएगा।
2015 में सौंपी गई थी जांच
दरअसल जुलाई 2015 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर व्यापमं कांड की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी। सीबीआइ ने सभी केसों की जांच खत्म कर न्यायालय में चालान पेश कर दिए हैं। अब विचारण पूरे होने के बाद न्यायालय ने फैसले सुनाए हैं, लेकिन पीएमटी कांड में सीबीआइ जिन परिक्षार्थियों के सॉल्वर को गिरफ्तार नहीं कर सकी है, उन केसों के परीक्षार्थी, मीडियेटर, दलाल दोषमुक्त हुए हैं। पीएमटी कांड में अब तक चार प्रकरण में आरोपियों को न्यायालय न...