Tuesday, October 21

आज भारत वापिस आयेगा बहादुर पायलेट “अभिनन्दन” स्वागत को तैयार देश

नईदिल्ली | भारत के आथक प्रयासों के बाद पकिस्तान को आखिरकार झुकना ही पड़ा पकिस्तान भारतीय पायलेट अभिनन्दन को आज रिहा कर रहा हैं, मिडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अभिनन्दन को आज दोपहर 2 बजे के बाद बाघा बॉर्डर से रिहा किया जायेगा, अभिनन्दन की रिहाई की खबर सुनते ही पूरे देश में ख़ुशी का माहोल हैं. पकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कल अभिनन्दन की रिहाई का ऐलान करते हुये कहा की पाकिस्तान सरकार शुक्रवार को वायुसेना के पायलट को शांति के संकेत के रूप में और और बातचीत के रास्ते को खोलने के पहले कदम के रूप में रिहा करेगी। हलाकि पकिस्तान इससे पहले अभिनन्दन को छोड़ने के बदले में बात करना चाह रहा था जिसे भारत सरकार ने सिरे से नकारते हुये कहा की पहले हमारे पायलेट को सही सलामत बापिस करो उसके बाद इसके बारे में सोचा जायेगा. बता दे कि 27 फरवरी को पाकिस्तान के एफ-16 फाइटर जेट्स भारतीय वायुसीमा में घुस आए थे। उन्हें खदेड़ने के लिए विंग कमांडर अभिनंदन अपने मिग-21 विमान को लेकर उड़ान भर गए थे। उन्होंने पाकिस्तानी विमानों को न सिर्फ सफलतापूर्वक खदेड़ दिया, बल्कि एफ-16 विमान को भी मार गिराया। हालांकि, इस दौरान उनका विमान क्रैश होकर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में जा गिरा था। इसके बाद पाकिस्तानी सेना ने उन्हें हिरासत में ले लिया था।

इस नियम के तहत आएगा पायलेट

परोपकारी संघ जिनेवा कन्वेंशन नियम की सुविधा देता है, जिसमें कहा गया है कि प्रिजनर ऑफ वॉर (POW) यानी युद्ध बंदी को सक्रिय शत्रुता का अंत होने पर बिना देरी के उसके देश को सौंप देना चाहिए। इसके लिए न तो औपचारिक युद्धविराम समझौते की आवश्यकता है और न ही युद्ध में शामिल देशों के बीच शांति संधि के समापन की। प्रत्यावर्तन नियमों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि POWs को अनावश्यक रूप से लंबे समय तक हिरासत में नहीं रखा जाए। इसके साथ ही POWs संघर्ष के अंत में सौदेबाजी के मोहरे या राजनीतिक पैंतरेबाजी के शिकार नहीं बनें।
नियम में यह भी कहा गया है कि POWs का प्रत्यावर्तन क्रमबद्ध तरीके से एक योजना के तहत किया जाना चाहिए। यह दोनों पक्षों के समझौते के अनुसार भी हो सकता है या फिर उस पक्ष के अनुसार भी हो सकता है, जिसकी हिरासत में कैदी है। पाकिस्तान में भारतीय वायुसेना के पायलट का मामला भी ऐसा ही है। POWs के घर वापसी की प्रक्रिया में ICRC सहायता करता है, जिन्हें उनके देशों में वापस भेजा जा रहा है। ICRC एक स्वतंत्र संगठन है, जिसका मिशन सशस्त्र संघर्ष और हिंसा की अन्य स्थितियों के पीड़ित लोगों के जीवन और सम्मान की रक्षा करना और उन्हें सहायता प्रदान करना है।