
नईदिल्ली | एक वकील द्वारा दायर जनहित याचिका के संदर्भ में आज सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया ने उत्तरप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती को झटका देते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने अपनी व अपनी पार्टी के चुनाव चिन्ह की मुर्तिया बनवाई हैं वो सरकारी खजाने से बनाई गयी हैं इसलिए मायावती को तमाम मूर्तियों पर हुए खर्चे को लौटना चाहिए हलाकि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अभी कोई फैसला नहीं सुनाया हैं कोर्ट ने सिर्फ अपना मत रखा हैं, कोर्ट अब इस मामले की सुनवाई 2 मार्च को करेगा | मायावती के द्वारा उत्तर प्रदेश में बसपा शासनकाल में कई पार्कों का निर्माण करवाया गया. इन पार्कों में बसपा संस्थापक कांशीराम, मायावती और हाथियों की मूर्तियां लगवाई गई थीं. ये मुद्दा इससे पहले भी चुनावों में उठता रहता है और विपक्षी इस मुद्दे पर निशाना साधते हैं. बसपा शासनकाल में ये पार्क लखनऊ, नोएडा समेत अन्य शहरों में बनवाए गए थे. बता दे इन इन मूर्तियों के निर्माण में करीब 5000 करोड़ रूपए से अधिक की राशि खर्च हुयी थी | BSP के चुनाव चिन्ह हाथी की पत्थर की 30 मूर्तियां थी जबकि कांसे की 22 प्रतिमाएं लगवाई गईं थी. इसमें 685 करोड़ का खर्च आया था. वही लखनऊ, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में बनाए गए पार्कों पर कुल 5,919 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे.