Monday, September 22

पाकिसतान की अंदरूनी हालात बदतर बढ़े आतंकी हमले

3811_karachi-airport-fresh-attacनईदिल्ली। पाकिस्तान सरकार इन दिनों देश में हो रहे आतंकी हमलों से पार पाने के रास्ते तलाश रही है, लेकिन कामयाबी नहीं मिल रही। कराची एयरपोर्ट पर हुए ताजा हमलों की दो संगठनों तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान और इस्लामिक मूवमेंट ऑफ उज्बेकिस्तान ने जिम्मेदारी ली है। हालांकि यह पड़ताल का विषय है कि असली हमलावर कौन है, लेकिन जो भी हो उनके इरादे एक जैसे हैं। वैसे पाकिस्तानी पुलिस ने हमलावर टीटीपी को बताया है पाकिस्तानी हुकूमत का यही सबसे बड़ा दुश्मन है। बड़ा सवाल यह है कि आखिर हमलों में अचानक इजाफा क्यों हुआ है। जानकार मानते हैं कि इसकी एक नहीं, कई वजह हैं। आतंकवादियों का वर्चस्व खत्म करने के लिए सरकार को अब पूरी सख्ती के साथ कार्रवाई करनी होगी। ऐसा नहीं किया गया तो ये और ताकतवर बनकर उभरेंगे। पाकिसतानी सरकार और सेना इस विषय पर गंभीर मंथन कर रही है।
पाकिस्तान में हमलों की कोई एक वजह नहीं हो सकती। आतंकियों की जब सेना और सरकार से जंग हो तो उसकी कई वजह होती हैं। जानकार इन हमलों के पीछे कुछ ये कारण बताते हैं। पाकिस्तान के आतंकी संगठन गुटों में बंटने लगे हैं। टीटीपी में भी गुट बन गए हैं। इसका एक धड़ा प्रधानमंत्री नवाज से अपनी शर्तो पर चर्चा को राजी है। इसी गुट को नीचा दिखाने या उसके वजूद को नकारने के लिए दूसरे गुट हमलों को अंजाम दे रहे हैं। पाकिस्तान में मौजूद आतंकी संगठन समय-समय पर इस तरह के बड़े हमले करके अपनी सक्रियता का सबूत देते हैं। अफगानिस्तान और इसके आसपास के इलाके से अमेरिकी फौज की वापसी के बाद टीटीपी अपनी ताकत दिखाना चाहता है। नवाज शरीफ का हाल ही में नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में आना और भारत के प्रति नरमी दिखाना कट्टरपंथियों को रास नहीं आया। आतंकी ऐसा करके पाकिस्तानी हुकूमत को आगाह करना चाहते हैं।