नईदिल्ली। इराक में जारी संकट को भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने विश्व स्तर पर शिया-सुन्नी संघर्ष का संकेत माना है और उन्होंने कहा कि अब वक्त आ गया है कि इस संघर्ष में एक पक्ष का साथ दिया जाए। उनहोंने इशारों में शियाओं का साथ देने की बात भी कही। उधर, भारत के तीन हजार शिया युवाओं ने इराक जाकर राहत बचाव कार्य में शामिल होने और जरूरत पडऩे पर आईएसआईएस के आतंकियों से मोर्चो लेने की तैयारी कर रखी है।
स्वामी ने इशारों में कहा शियाओं का साथ दें हिंदू
इराक में आईएसआईएस आतंकियों द्वारा भारतीयों को अगवा किए जाने पर भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने गुरूवार को कहा कि यह पूरी दुनिया में शिया-सुन्नियों की जंग में तब्दील होता जा रहा है। स्वामी ने कहा हमें किसी का पक्ष लेना ही होगा। शिया समुदाय का व्यवहार हिंदुओं के प्रति दोस्ताना रहा है। स्वामी ने कहा कि हमें आईएसआईएस को यह बताना होगा कि अगर वे चातहे हैं कि भारत इस मामले में तटस्थ रहे तो हमें हमारे लोग सौंप दिए जाने चाहिए। हमें इराक की मदद करनी चाहिए। हमें इजरायल से दोस्ती नहीं तोडऩी चाहिए। अगर हमारे पास इस मुद्दे पर कोई नीति नहीं है तो बनाई जानी चाहिए। हमें अपना जहाज बगदाद भेजना चाहिए, क्योंकि एयरपोर्ट अभी भी अमेरिकी सेना के नियंत्रण में है।
बीजेपी ने की गलती
स्वामी ने कहा, पाकिस्तान श्रीलंका के तमिल मुसलमानों को ट्रेनिंग दे रहा है। यह बहुत खतरनाक है। हमें श्रीलंकाई सरकार के साथ सहयोग बढ़ाना होगा। हमारी पार्टी ने तमिलनाडु में गठबंधन करके गलती की। ये सभी यहां तक कि डीएमके और एआईएडीएमके, दोनों ही लिट्टे के अंध समर्थक हैं। वहीं राज्यपालों के इस्तीफे के मुद्दे पर स्वामी ने कहा कि हमने केवल कुछ राज्यपालों को इस्तीफा देने को कहा है। उन्हें पद छोड़ देना चाहिए, इससे पहले कि उन्हें बर्खास्त कर दिया जाए।
शियाओं की तैयारी:- शिया इराक स्थित दो पवित्र स्थल कर्बला और नजफ की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। बुधवार को दिल्ली में कई जगह से आए शिया मुसलमानों ने इराक में समुदाय पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया। अलीगढ़, दिल्ली, पंजाब और आसपास के अन्य इलाकों से करीब 400 शिया मुसलमान बुधवार शाम दिल्ली पहुंचे थे। दिल्ली और अलीगढ़ यूनिवर्सिटी में पढऩे वाले बहुत सारे स्टूडेंट भी इस प्रदर्शन में शामिल हुए। इस कार्यक्रम के आयोजन से जुड़े बहादुर अब्बास नकवी ने कहा कि पूरे भारत से करीब तीन हजार युवाओं ने इराक जाने के लिए खुद को रजिस्टर करवाया है।