खंडवा। उस रात को याद कर आज भी कांप उठती हूं। पति के सामने हैवानों ने मेरे कपड़े फाड़कर बारी-बारी से दुष्कर्म किया। उन्हें मासूम बेटे पर भी रहम नहीं आया। अब मैं उस गांव कभी जाऊंगी। घटना के समय मैं असहाय थी। हैवानों के हाथ पैर पकड़कर कदमों में सिर पटककर माफी मांगी, लेकिन उनका का दिल नहीं पसीजा। पिपलौद थाना के भिलाईखेड़ा में सामूहिक दुष्कर्म का शिकार हुई महिला ने आप-बीती बताई। महिला ने बताया कि उसके पति की पांच एकड़ जमीन है, जिस पर काका-बाबा और उनके बेटे कब्जा करना चाहते हैं। इसका मैंने हमेशा विरोध किया। रिश्तेदारों के बहकावे में आकर पति मारपीट करता है। एएसपी गोपाल खांडेल ने बताया कि भिलाईखेड़ा सामूहिक दुष्कर्म मामले में गहन जांच जारी है। सभी आरोपियों को जेल भेज दिया है। महिला की अस्पताल से छुट्टी होने के बाद घटनास्थल पर पुलिस टीम उसके साथ जाएगी।
खंडवा जिले के पिपलौद थाना क्षेत्र के आदिवासी गांव में गत मंगलवार रात को एक महिला के साथ गैंगरेप हुआ। दुष्कर्मियों ने उसे निर्वस्त्र कर गांव में घुमाया। बंधक बनाकर पीटा। जब महिला ने दुष्कर्मियों से पीने के लिए पानी मांगा तो सभी ने बारी-बारी से उसके मुहं में पेशाब कर दिया। शहर से 50 किमी दूर पिपलौद थाना के भिलाईखेड़ा गांव दहशत में है। यहां तीन दिन पहले गांव की एक महिला से पति सहित 10 रिश्तेदारों ने गैंगरेप किया। लाठियों से मारा, पेशाब पिलाई, कपड़े फाड़े और गांव में निर्वस्त्र कर घुमाया। शुक्रवार को मामला उजागर होने के बाद से ही पूरा गांव दहशत में है। गांव के बुजुर्ग महिलाएं और बच्चों के सामने हुए इस वहशीपन के खिलाफ कोई बोलने की हिम्मत नहीं कर पाया। आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद शनिवार को यहां सन्नाटा पसरा रहा। गांव के लोग भी चुप्पी साधे हुए हैं। आदिवासी बहुल इस गांव में कोरकू और भील समाज के 200 परिवारों के 900 लोग मजदूरी कर अपना घर चलाते हैं।
हैवानों के चेहरे पर अब दिखा सजा का डर
भिलाईखेड़ा गांव में आठ साल के बच्चे के सामने हैवानियत की सारी हद पार कर घिनौनी वारदात को अंजाम देने वाले आरोपियों के चेहरों पर अब कानून का खौफ दिखाई दिया। पीडि़ता के आरोपी पति कैलाश रेमलिया समेत देवर, काका ससुर और ग्रामीणों को पिपलौद पुलिस ने शनिवार शाम खंडवा कोर्ट में पेश किया। जहां से उन्हें जेल भेज दिया जिला अस्पताल में भर्ती पीडि़ता दिनभर डरी-सहमी रही। पति कैलाश पिता रेमलिया 40, काका ससुर नाहर सिंह पिता भांगड़ा 40, कुंअर सिंह पिता खजान सिंह 22, रूप सिंह पिता छतर सिंह 21, राधेश्याम उर्फ माधेलाल पिता जयमाल सिंह 24, माधेश्याम उर्फ माधेलाल पिता जयमाल सिंह 24, शेरसिंह खजान सिंह 30, गोरेलाल उर्फ भूरालाल पिता भार सिंह 22, भूरसिंह उर्फ भूरीलाल पिता भार सिंह 20, एवं राणा पिता रामसिंह 28।