नईदिल्ली। भारत के प्रधानमंत्री बनने के बाद ही नरेंद्र मोदी ने जिन मुद्दों को प्राथमिकता देने की बात कही है, उनमें से एक है देश भर में बिजली उपलब्ध कराने का वायदा। उनका कहना है कि वर्ष 2019 तक वे देश के उन आठ करोड़ घरों को कम से कम एक बल्ब जरूर मुहैया कराएंगे, जहां आज तक बिजली नहीं है। इसके लिए वे सोलर एनर्जी का सहारा लेंगे। मोदी ने गुजरात में सोलर पॉवर जनरेट करने के मामले में एक बेहतरीन उदाहरण पेश किया है। हालांकि इससे पहले भी देश के कई प्रधानमंत्रियों ने बिजली उत्पादन को बढ़ाने और उसे घर-घर पहुंचाने का वायदा किया है, लेकिन किसी को अपेक्षित सफलता नहीं मिल पाई क्योंकि हर बार उन्होंने बड़े पॉवर प्लांट बनाने और ग्रिड को बढ़ाने की सोच रखी। लेकिन इस बार यह उम्मीद ज्यादा इसलिए हैं, क्योंकि नए प्रधानमंत्री का झुकाव रिन्यूएबल एनर्जी विशेषकर सोलर एनर्जी पर ज्यारा है।
जानकारों का कहना है कि यदि ईमानदारी से प्रयास किए जाए तो यह कोई नामुमकिन काम नहीं है, क्योंकि सोलर एनर्जी के क्षेत्र में देश में जबर्दस्त संभावना है। सरकार ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है और अब वह एक-एक हजार मेगावॉट के चार सोलर प्लांट लगाने की तैयारी में है। ये प्लांट राजस्थान, गुजरात, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में लगाए जाने की संभावना है। सोलर पॉवर जनरेशन में गुजरात देश का नंबर वन राज्य है। यहां पर मोदी के शासनकाल में चारंका गांव में 600 मेगावॉट सोलर पार्क का निर्माण हुआ है, जिसे एशिया का सबसे बड़ा सोलर पार्क माना जा रहा है। तीन हजार एकड़ के इस पार्क का निर्माण मात्र एक साल और चार माह में हो गया था। गुजरात 2009 में ही देश का पहला ऐसा राज्य बन गया था, जिसकी अपनी सोलर पॉवर पॉलिसी थी। इसके बाद से ही यहां पर सोलर पॉवर को लेकर लगातार काम हो रहा है। आज गुजरात के 15 जिलों में पॉवर जनरेशन फैसिलिटी है और यहां पर कुछ 891 मेगावॉट सोलर पॉवर उत्पादित की जा रही है। सरकार गांधीनगर को सोलर सिटी बनाने का प्रयास कर रही है और यहां की अधिकांश सरकारी बिल्डिंग्स पर सोलर पैनल लगा दिए गए हैं। यही नहीं सरकार जल्द ही रूफ टॉप सोलर पॉवर जनरेशन पॉलिसी शुरू करने वाली है। गांधीनगर के घरों में रूफ टॉप सोलर पॉवर जनरेशन पॉलिसी शुरू करने वाली है। गांधीनगर के घरों में रूफ टॉप सोलर प्रोजेक्ट्स चल रहे हैं। सरकार ने नर्मदा डेम की मुख्य नहर को सोलर पैनल से ढंककर सोलर पॉवर प्रोजेक्ट शुरू किया है। इससे नहर का पानी वाष्पीकृत भी नही होता और बिजली भी मिलती है।