Tuesday, September 23

कौन है तहरीक-ए-तालिबान? भारत को बनाना चाहते है इस्लामिक राष्ट्र

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इंटरनेशनल डेस्क। कराची एयरपोर्ट पर हुए फिदायीन हमले में 26 लोगों की मौत हो गई है। जिन्ना इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर रविवार देर रात कुछ आतंकियों ने हमला बो दिया। पाक मीडिया रिपोट्र्स के अनुसार, सभी आतंकियों को मार गिराया गया है और एयरपोर्ट को आजाद करा लिया गया है। तहरीक-ए-तालिबान ने हमले की जिम्मेदारी ली है। इसे टीटीपी या कई बार पाकिस्तान तालिबान के नाम से भी जाना जाता है। यह अफगानिस्तान के तालिबान से अलग है। हालांकि, दोनों संगठनों की विचारधारा करीब एक जैसी है। तहरीक-ए-ए तालिबान का मुख्य उद्देय पाकिस्तान में शरिया कानून लागू कर कट्टरपंथी इस्लामी अमीरात बनाना है। तहरीक का मतलब होता है अभियान और तालिब शब्द का अर्थ छात्र या धार्मिक शिक्षा मांगने वाला। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान का मतलब पाकिस्तानी छात्र अभियान है।
अमेरिका ने अफगानिस्तान पर हमला करने के बाद इस संगठन की शुरूआत पाक-अफगान सीमा दक्षिणी वजीरिस्तान के कबीलाई इलाकों की गई थी। कट्टरपंथी लोगों के अलग-अलग संगठनों ने पाकिस्तान में तालिबान के समर्थन का अभियान शुरू किया था। जुलाई 2007 में लाल मस्जिद में सेना के कार्रवाई से नाराज होकर दिसंबर 2007 में बैतुल्लाह मसूद ने 13 समूहों के साथ टीटीपी की शुरूआत की थी। संगठन की शूरा बैठक में अफगानिस्तान में नाटो फौजों और पाकिस्तानी फौज के खिलाफ जिहाद का फैसला लिया था। पाकिस्तान तालिबान ने भारत के खिलाफ भी जिहाद की बात की थी और यहां शरिया कानून लागू करने, धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र को खत्म करने की बात कही थी।
टीटीपी को हमेशा से ही नेता की कमी खली है। संगठन की नींव डालने वाला बैतुल्लाह मेहसूद अगस्त 2009 में अमेरिकी ड्रोन हमले में मारा गया। उसके बाद संगठन में नेता बनने की होड़ शुरू हो गई। हकीमुल्लाह मेहसूद और वली-उर-रहमान को संगठन का उनेता चुना गया। मई 2013 में वली की ड्रोन हमले में मौत हो गई। बाद में हकीमुल्लाह ने लतीफ मेहसूद को उपनेता बना दिया। उसे अमेरिकी सेना ने अफगानिस्तान के लोगर प्रांत से अक्टूबर 2013 में गिरफ्तार कर लिया।