Tuesday, September 23

श्री अकाल तख्त साहिब पर रखे गए अखंड साहिब पाठ में चलीं तलबारें

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चंडीगढ़/अमृतसर। ब्लू स्टार आपरेशन की 30वीं याद शुक्रवार को दरबार साहिब परिसर में मौजूद श्री अकाल तख्त साहिब पर रखे गए अखंड साहिब पाठ के भोग के तुरंत बाद श्री गुरू गं्रथ साहिब की हजूरी में ही एसजीपीसी टास्क फोर्स व शिरोमणि अकाली दल समर्थकों के बीच चली तलवारों के दौरान 12 लोग जख्मी हो गए हैं, जिनमें दोनों गुटों के अलावा एक 12 साल का लड़का मनजीत सिंह व कुछ श्रद्धालु भी शामिल हैं। इसी दौरान मान समर्थकों ने खालिस्तान जिंदाबाद आरएसएस मुर्दाबाद के नारे लगाए और एसजीपीसी को मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के पिट्ठू करार दिया। दोनों गुटों में हुई तलवार बाजी का मंजर इतना भयानक था कि वहां पर मौजूद श्रृद्धालुओं में भी दहशत फैल गई। एसजीपीसी की टास्क फोर्स ने मान समर्थकों को खदेड़ दिया और अकाल तख्त साहिब के दरवाजे बंद कर चारों ओर से घेर लिया। घटना के बाद दरबाद साहिब के आसपास भारी सुरक्षा बलों को तैनात कर दिया गया है। भोग के बाद जत्थेदार ज्ञानी गुबचन सिंह ने संत जरनैल सिंह खालसा भिंडरावाले के पुत्र भाई ईशर सिंह, शहीद अमरीक सिंह की पत्नी बीबी हरमीत कौर व कुछ अन्य शहीद परिवारों को सम्मानित किया। अकाल तख्त साहिब के ठीक नीचे खड़ मान समर्थकों ने खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने शुरू कर दिए। सिमरनजीत सिंह मान ने बोलना शुरू किया, लेकिन उनकी आवाज उनके समर्थकों तक नहीं पहुंच पाई। इस पर समर्थकों ने माइक लेना चाहा। लेकिन एसजीपीसी के सदस्यों ने उन्हें माइक देने से मना कर दिया। इस पर कुछ समर्थक तलवारों समेत अकाल त साहिब में दाखिल होने के लिए दौड़े।
पहले से ही अंदर मौजूद एसजीपीसी टास्क फोर्स ने उन्हें रोकने की कोशिश की। इसी दौरान दोनों गुटों में धक्का मुक्की के बीच एक मान समर्थक की पगड़ी उछल गई। जिस पर मान समर्थकों ने तलवारों से टास्क फोर्स पर हमला कर दिया। जिस पर दोनों गुटों में जमकर तलवारें चली, लड़ते-लड़ते दोनों गुट अकाल तख्त साहिब के बाहर आ गए। हालात बिगड़ते देख मौके पर मौजूद एडीसीपी हरजीत सिंह बराड़ ने दोनों गुटों को शांत करने की कोशिश की, लेकिन उनकी किसी ने नहीं सुनी। अंत में जत्थेदार गुरबचन सिंह ने बीच में आकर दोनों गुटों को समझाकर मामले को शांत किया और मान समर्थक एक बार फिर खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाते हुए दरबार साहिब से बाहर चले गए। अकाल तख्त के जत्थेदार भाई गुरबचन सिंह ने कहा कि अकाल तख्त साहिब में हुई इस घटना के पीछे कुछ एजेंसियों के हाथ है। सीसीटीवी कैमरों व वीडियोग्राफी की फुटेज से इनकी पहचान की जाएगी। हर वर्ष की तरह इस बार भी 6 जून 1984 के हमले में शहीद हुए सिखों की याद में पाठ रखावाया गया था।