विधानसभा चुनावों के बाद अनौपचारिक तौर पर देश में आम चुनाव 2019 का बिगुल बज जाएगा. 2014 के चुनावों में विपक्ष में बैठी भारतीय जनता पार्टी ने अप्रत्याशित बहुमत के साथ देश में पहली पूर्ण बहुमत वाली बीजेपी सरकार बनाई और नरेन्द्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने. अब इसके बाद बीजेपी का अगला निशाना 2019 का चुनाव होगा , सत्ता में रहते हुये मोदी सरकार ने कई सारी योजनाओ को चलाया और बिपक्ष ने ने इन योजनाओं पर निशाना भी साधा जिससे ऐसा लगा की अगली बार बिपक्ष सत्ता में आयगी किन्तु मोदी सरकार की 5 ऐसी योजनाये हैं जिनसे फिर से सत्ता बीजेपी के हाथो में आ सकती है
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वच्छ भारत मिशन को 2 अक्टूबर 2014 को लॉन्च किया और 2 अक्टूबर 2019 तक इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में पूर्ण स्वच्छता का लक्ष्य तय किया गया. इस योजना के तहत ग्रामीण परिवारों को घर में शौचालय बनाने के लिए 12,000 रुपये देने का प्रावधान है. यह रकम दोनों केन्द्र सरकार और राज्य सरकारें एक तय फॉर्मूले के तहत देती हैं. केन्द्र सरकार के आंकड़ों के मुताबिक 31 अगस्त 2018 तक 88.9 फीसदी ग्रामीण इलाकों में शौचालय निर्माण का काम पूरा किया जा चुका है.
- जनधन योजना के तहत समाज के कमजोर तबके और कम आय वाले परिवारों को बैंकिंग सुविधा उपलब्ध कराने का प्रावधान है. योजना के तहत गरीब नागरिकों को सेविंग बैंक अकाउंट के साथ-साथ कर्ज लेने, पैसा ट्रांसफर करने, इंश्योरेंस और पेंशन जैसी सुविधाओं को भी जोड़ा गया है. केन्द्र सरकार के ताजे आंकड़ों के मुताबिक देश में 32.41 करोड़ जनधन खाते खोले जा चुके हैं. इन खातों में कुल जमा 81,200 करोड़ रुपये से अधिक है. जनधन के तहत खुले बैंक खातों में 53 फीसदी खाते महिलाओं के खोले गए हैं
- मुद्रा योजना के तहत नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी और माइक्रो फाइनेंस इंस्टीट्यूशन द्वारा छोटे और मध्यम कारोबारियों को बिना किसी सिक्योरिटी के कर्ज देने का प्रावधान है. यह कर्ज नॉन एग्रीकल्चरल सेक्टर में छोटे कारोबार को बढ़ावा देते हुए रोजगार बढ़ाने के लिए दिया जाता है.
- उज्जवला योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे 5 करोड़ परिवारों को बिना किसी सिक्योरिटी राशि के एलपीजी कनेक्शन दिए जाने का प्रावधान किया गया. लॉन्च के बाद 5 करोड़ परिवारों को लाभ पहुंचाने का लक्ष्य रिकॉर्ड 28 महीनों में पूरा कर लिया गया.
- प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत देश में सभी परिवारों के लिए 2022 तक घर का प्रावधान किया गया है. इस योजना को 20 नवंबर 2016 को लॉन्च किया गया और 2022 तक 2.95 करोड़ मकान बनाने का लक्ष्य तय किया गया.केन्द्र सरकार के आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2014-15 से 2017-18 तक ग्रामीण क्षेत्र में कुल 1.07 करोड़ पक्का मकान तैयार कर लिए गए हैं.