साओ पाउलो। इस तस्वीर को देखकर ये विश्वास करना मुश्किल हो जाता है कि धूम किसी को इस कदर भी नुकसान पहुंच सकती है। लेकिन सच्चाई यही है। ब्राजील के साओ पाउलो के अरारस गांव के ज्यादातर लोग इसी परेशानी से जूझ रहे हैं। एक्सोडेरमा पिगमेंटोसम यानी एक्सपी नाम की बीमारी स ेजूझने वाली दुनिया की सबसे ज्यादा आबादी यहीं रहती है। स्किन की इस बीमारी से पीडि़त लोगों के लिए धूम में निकलना सजा की तरह है। धूम में निकलने से सूरज की किरणें झुलसा देती हैं। एक्सपी बीमारी बहुत ज्यादा संवेदनशील होने पर स्किन कैंसर का रूप ले लेती है और त्वचा को धूम से पहुंचने वाले नुकसान को सही करना नामुमकिन हो जाता है। धूप के चलते स्किन लाल और रूखी पड़ जाती है और चेहरा भद्दा दिखने लगता है। अरारस में ज्यादातर खेती से जुड़े समुदाय रह रहे हैं। ऐसे में वो धूम में काम करने से बच नहीं सकते। कुछ लोगों के पास तो धूप में काम करने के सिवा और कोई चारा भी नहीं है। इसका नतीजा ये हो रहा है कि स्किन की इस भयानक बीमारी के चलते लोगों की जिंदगी मुश्किल होती जा रही है।
गांव में बीमारी से पीडि़त लोग
इस गांव में 800 लोगों में से 20 लोग इस बीमारी के शिकार हैं। मतलब ये हुआ कि हर चालीस लोगों में एक आदमी इस बीमारी से पीडि़त है, जबकि अमेरिका में 10 लाख लोगों में कोई एक शख्स ही इस बीमारी का शिकार है। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह यहां अनुवांशिकता बताई जा रही है।
अरारस में रहने वाले जालमा एन्टोनियो कई साल से इस बीमारी से पीडि़त हैं। एन्टोनियो खेती किसानी से जुडे हैं इसलिए उन्हें हमेशा धूम में काम करना पड़ा।