
वाराणसी। काशी में इस बार लोकसभा चुनाव का जो नाजारा है, वह संभवत: पहले कभी नहीं दिखा। पहली बार किसी पार्टी के प्रधानमंत्री पद के घोषित उम्मीदवार नरेंद्र मोदी यहां से चुनाव लड़ रहे हैं। इसलिए इस सीट पर पूरे देश की नजर है। भाजपा, कांग्रेस और आप तीनों ही पार्टियों ने यहां पूरी ताकत झोंक दी है। प्रचार के आखिरी चरण में नरेंद्र मोदी ने यहां गुरूवार को रोड शो किया और अरविंद केजरीवाल शुक्रवार को रोड शो कर रहे हैं। शनिवार को राहुल गांधी भी कांग्रेसी उम्मीदवार के पक्ष में रोड शो करने वाले हैं। लेकिन बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में पॉलिटिकल साइंस डिपार्टमेंट के हेड डॉ. कौशल किशोर मिश्रा का बनारस के बारे में आकलन है कि यहां आप उम्मीदवार अरविंद केजरीवाल तीसरे नंबर पर रहेंगे। कांग्रेस के अजय राय दूसरे और भाजपा के नरेंद्र मोदी पहले नंबर पर रहेंगे। इंडिया टुडे गु्रप ने भी वाराणसी सीट को लेकर एक सर्वे किया है। इस सर्वे का नतीजा भी यही है कि मोदी को वाराणसी में जीत मिलेगी और केजरीवाल तीसरे नंबर पर रहेंगे।
डा. मिश्रा के मुताबिक नरेंद्र मोदी ने बुनकरों की बात शुरू की। उन्हें बताया कि आप जो सामान बनाते हो, उन्हें बेचने वाला गुजराती है। बुनकरों में से ज्यादातर मुसलमान हैं। कुरैशी और खान जैसी ऊंची जाति के मुसलमान मोदी के खिलाफ हैं। उनके मुताबिक वाराणसी में करीब 60 फीसदी मतदान होगा और मोदी को ब्राह्मणों, युवाओं और दलितों के वोट बड़ी संख्या में मिलेंगे। अपना दल (जिसकी नेता अनुप्रिया पटेल हैं) से गठबंधन होने के चलते मोदी को पटेल मतदाताओं का भी साथ मिलने की उम्मीद है। डा. मिश्रा का कहना है कि बनारस के यादव सपा के साथ नहीं जाते, इसलिए वे मोदी के साथ जाएंगे। उनकी राय में दलित भी मोदी को वोट देंगे और बांकी समुदायों के आधे लोग भाजपा के पक्ष में मतदान करेंगे। इन सबके मतों से मोदी नंबर एक रहेंगे।
डॉ. मिश्रा की राय में बाहुबली मुख्तार अंसारी का समर्थन लेकर कांग्रेस उम्मीदवार अजय राय ने भूमिहार मतदाताओं की नाराजगी मोल ले ली है। भूमिहार आजय राय की एकमुश्त वोट देते रहे हैं। लेकिन वे अंसारी को दुश्मन मानते हैं, क्योंकि अजय राय के भाई सहित कई भूमिहारों की जान अंसारी के गुर्गों ने ली है, ऐसा कहा जाता है। बसपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ चुके और बाजार सदानंद इलाके के सम्मानित बुजुर्ग माने जाने वाले मुहम्मद अब्दुल्ला अंसारी का आकलन है कि मुसलमान बड़ी संख्या में आप को वोट करेंगे। उनका कहना है, हम अपने बूते नतीजा तय नहीं कर सकते। इस संसदीय क्षेत्र में 15 लाख की आबादी में से हम केवल 3.5 लाख हैं। हम यह देख सकते हैं कि मोदी को हराने का सबसे ज्यादा दम किस उम्मीदवार में है। यानि किसके साथ हिंदुओं का वोट सबसे ज्यादा है।
मुझे लगता है कि पढ़े लिखे हिंदुओं के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों के मतदाताओं ने भी आम आदमी पार्टी का साथ देने का मन बनाया है। मुसलमानों में से 70-80 फीसदी केजरीवाल के प्रश्र में मतदान करने का मन बना चुके हैं। अंसारी का मानना है कि कांग्रेस को मुख्तार अंसारी के समर्थन का नुकसान उठाना पड़ेगा। उनकी राय में एक तो अंसारी के नियंत्रण में मुस्लिम वोट हैं नहीं और दूसरी बात, उनके समर्थन से भूमिहार मतदाता कांग्रेस से छिटक कर भाजपा खेमे में जा सकते हैं।
यूपी की आध्यात्मिक राजधानी कहे जाने वाले बनारस में राजनीति का जश्र जारी है। शहर के पुराने वाशिंदे कह रहे हैं कि यहां बाहरी लोगों के इतने कैंप पहले कभी नहीं देखे। तमाम पार्टियों के हजारों लोग प्रचार के लिए बनारस पहुंचे हुए हैं। बताया जाता है कि भाजपा ने ही 51 हजार से ज्यादा कार्यकर्ताओं को यहां तैनात कर रखा है। वाराणसी में बीजेपी ने चुनावी रणनीति को अमलीजामा पहनाने के लिए शहर के बीचोबीच एक बहुमंजिले इमारत में ग्राउंड फ्लोर को किराए पर लिया हुआ है। हालांकि, आस-पास के लोगों का कहना है कि इसी इमारत में पार्टी ने छह अपार्टमेंट और किराये पर ले रखे हैं। बीजेपी के इस वार रूम में प्रवेश द्वार पर ही सरदार वल्लभ भाई पटेल की एक बड़ी तस्वीर लगी है। इसके अलावा एंट्रेंस गेट पर बीजेपी के पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी को आयरन मैन बताती हुई एक अन्य तस्वीर भी है।
इमारत के बाहर एसयूवी गाडिय़ों के काफिलों का आना-जाना लगातार बना रहता है। गाडिय़ों के अलावा काफी संख्या में बीजेपी समर्थकों और कार्यकर्ताओं का झुंड भी यहां चलह-पहल बरकरार रखे रहता है। इस झुंड में हर उम्र के लोग शामिल होते हैं। हर किसी की बात से यह लगता है कि वह पार्टी में बड़ा ओहदेदार है और उसके कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी है। जिस 13 मंजिला इमारत में मोदी का चुनाव कार्यालय खोला गया है, उमसें नेताओं की भीड़ से बुधवार को जगह कम पड़ गई। किसी को नाश्ता नहीं मिल पा रहा था तो कोई बिल्ले झंडे के लिए परेशान था। जगदीश मुखी को भाजपा की भगवा टोपियों का बंडल तो मिल गया था लेकिन पैंफलेट नहीं मिल पाए। कुछ नरम कुछ गरम भाषा में कह रहे थे अरे दर्जनों डिजाइन के पैंफलेट छपे हैं, कोई तो होगा। वरना मैं यहां आया ही क्यों?
