इंदौर। देवास के उमरिया गांव के बोरवेल से 35 घंटे बाद बाहर आए चार साल के मासूम रोशन से मिलने के लिए अस्पताल में लोगों की भीड़ उमड़ रही है। वहीं दूसरी ओर एसडीएम ने रोशन की बहादुरी की तारीफ करते हुए उसकी पूरी पढ़ाई का खर्चा उठाने की घोषणा की है। एसडीएम जीवन सिंह रजक का कहना है कि रोशन में गजब की जीवटता है। वो बच्चा बहुत आगे जाएगा। बच्चा जब तक पढ़ेगा मैं उसकी पढ़ाई का खर्चा उठाऊंगा। अस्पताल में भर्ती रोशन से मिलने के लिए सोमवार सुबह से ही लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। बच्चे में मिलकर हर कोई उसके साहक की तारीफ करना चाहता था। लोगों की उमड़ती भीड़ को देखकर प्रशासन ने बच्चे से मिलने पर रोक लगा दी है। प्रशासन का कहना है कि रोशन 35 घंटे बोरवेल में बिताकर आया है, उसे आराम की आवश्यकता है। उधर डॉक्टरों की टीम बच्चे पर नजर रखे हुए है। डॉक्टरों का कहना है कि सब कुछ ठीक रहा तो आज रात या कल सुबह तक रोशन को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया जाएगा।
बच्चे को बातों से बहलाया, बोला- नानी के यहां चलना है, रस्सी को हाथ में चूड़ी जैसे डाल लो
– सेना के हवलदार अवतार सिंह और आपदा प्रबंधन के प्रधान आरक्षक धनेंद्र साहू को रोशन बाहर निकालने की जिम्मेदारी दी गई। दोनों बच्चे से लगातार बात करते रहे और आखिरकार उसे यह कहा गया कि तुझे नानी के यहां ले जाएंगे तू इस रस्सी को चूड़ियों की तरह पहन लो। वह मान गया तो उस सरफंदे को बोरवेल में डले नाइट विजन कैमरे की निगरानी के साथ कसना शुरू किया गया। हाथ अच्छी तरह से कसने के बाद उसे कमलांग मशीन से खींचकर बाहर निकाल लिया गया।
27 फीट गहराई में फंसने, सांसें अटकने पर भी कहता रहा रोशन- बाहर आकर ट्रैक्टर लाएंगे
– बोरवेल में फंसे रोशन की जीवटता भी कुछ कम नहीं रही। बीते 35 घंटों से वह जमीन से 27 फीट नीचे गहराई में फंसा हुआ था। इसके बावजूद चार साल के इस मासूम में हिम्मत नहीं हारी। अपने माता-पिता से बात करते हुए भी वह कभी घबराया नहीं, बल्कि कहता रहा कि जब मैं बाहर आऊंगा तो ट्रैक्टर लाएंगे। इस दौरान उसे 19 सिलेंडर ऑक्सीजन दी गई। कई बार ग्लूकोज भी दिया गया। वह बाहर आया तो होश में था और बातचीत कर रहा था।
और छलक पड़े आंसू
35 घंटे चले बचाव कार्य के बाद रोशन जैसे ही बोरवेल से बाहर निकला वैसे ही बचाव कार्य में लगे 200 अफसरों, कर्मचारियों और सेना के जवानों के चेहरे खिल उठे। बच्चे के गड्ढे से सकुशल बाहर निकलते ही खुशी से उसकी मां और पिता के आंसू छलक पड़े। उसकी सलामती की दुआ कर रहे लोगों ने भगवान का शुक्रिया अदा किया। बोरवेल में फंसे रोशन की जीवटता भी कुछ कम नहीं रही। बीते 35 घंटों से वह जमीन से 27 फीट नीचे गहराई में फंसा हुआ था। इसके बावजूद चार साल के इस मासूम ने हिम्मत नहीं हारी। इन
दो दिनों में उसने कई बार अपने माता-पिता से बात की, लेकिन कभी घबराया नहीं, बल्कि
कहता रहा कि जब मैं बाहर आऊंगा तो ट्रैक्टर लाएंगे। इस दौरान उसे 19 सिलेंडर ऑक्सीजन दी गई। कई बार ग्लूकोज भी दिया गया। नली के जरिए दूध भी पिलाया गया। रविवार रात जब वह बाहर आया तो होश में था और बातचीत कर रहा था।