गंजबासौदा। ज्यों-ज्यों फरवरी माह की अंतिम गिनती होने लगी है, साथ ही होली पर्व की आमद मौसम के लिहाज से शुरू होने वाली है। मौसम ने करवट लेना शुरू कर दिया है। कारण पिछले दो दिनों से लोग स्वेटर और जर्किन छोड़ कम कपड़ों दिखाई देने लगे है। दिन में आसमान में तपता सूरज मौसम बदलने की तैयारी कर चुका है। आसमान का साफ होना दर्शाता है कि अब ठंडी हवाओं से मुक्त होकर गर्मी का अहसास करने का समय आने लगा है। सुबह और अल सुबह की सर्दी को छोड़कर अब घरों में पंखों की आवाजे भी मौसम बदलने की तस्दीक करने लगी है।
वहीं ग्रामीण अंचलों में खासकर खेतों में नजर दौड़ाई जाए तो फसल कटाई का मौसम शुरू हो चुका है। कई जगह तो किसानों ने मसूर, तेवड़ा जैसी फसलों की कटाई कर थ्रेसिंग का काम भी कर लिया है। वहंी विदिशा जिले की खास पहचान चना भी कटने लगा है। अलबत्ता सिंचाई वाले क्षेत्रों में चना अभी भी हरियाली बिखेर रहा है। बाकी स्थानों पर चने की हरियाली अब गहरा पीलापन लेकर कटाई का संदेश देने लगा है। जहां तक सवाल गेहूं का है तो गेहूं की फसल अभी भी हरी है, आगामी होली के बाद से गेहूं पककर तैयार हो जाएगा और फसल कटाई का कार्यक्रम पूरे चरम पर होगा। बाहर से आए कटईयों के दल खेतों मे ंफसलों की कटाई करते देखे जा सकते है।
फसल कटाई का असर अब शहर की सड़कों पर भी दिखाई दे रहा है। ग्रामीण अंचलों से शहर भ्रमण या किसी कार्य को लेकर आने वाले किसान परिवार अब खेतों का रूख कर चुके है। यहीं कारण है कि शहर की सड़कें भी कुछ सूनी होने लगी है। यह आलम अप्रेल माह तक देखा जाएगा। लेकिन जैसे ही फसल कटाई से कुछ हद तक किसान मुक्त होगा, मंडी में आवक लेकर अपनी उपस्थिति दर्शाता नजर आएगा। गंजबासौदा अंचल में वैसे तो इस साल मौसम मेहरवान रहा है। उम्मीद की जा रही है कि इस साल मिलने वाली अपेक्षित उपज किसानों को हंसने का मौका भले ही न दे लेकिन हल्की मुस्कुराहट तो उसके चेहरे पर ला सकती है।